Divya Ekambareshwar Temple: कांची का वो पवित्र धाम जहाँ शिव ने ली थी देवी पार्वती की निष्ठा की परीक्षा
News India Live, Digital Desk: Divya Ekambareshwar Temple: तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित श्री एकाम्बरेश्वर मंदिर सिर्फ एक प्राचीन तीर्थस्थल नहीं, बल्कि उन पांच पवित्र शिव मंदिरों में से एक है, जिन्हें 'पंच भूतलम्' कहा जाता है। यह मंदिर भगवान शिव के पृथ्वी तत्व का प्रतिनिधित्व करता है और आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र माना जाता है। इस दिव्य स्थल का नाम और इसका गहरा आध्यात्मिक महत्व भगवान शिव और देवी पार्वती से जुड़ी एक अद्भुत पौराणिक कथा से आता है, जो भक्तों के बीच बड़ी श्रद्धा के साथ कही जाती है।
कथा के अनुसार, एक बार देवी पार्वती ने शिव से अपने ज्ञान और भक्ति के लिए क्षमा मांगी और अपनी तपस्या को प्रदर्शित करने के लिए एक आम के पेड़ के नीचे, रेत से एक शिवलिंग का निर्माण किया और उसकी पूजा करने लगीं। यह उनकी कठोर भक्ति का प्रतीक था। तभी भगवान शिव ने उनकी निष्ठा और प्रेम को परखने के लिए एक विशाल बाढ़ भेजकर उनकी परीक्षा ली। शिव का उद्देश्य देवी की भक्ति को परखना था। जब जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा और शिवलिंग के बहने का खतरा पैदा हो गया, तब देवी पार्वती ने अपने आप को उस रेत के शिवलिंग से लिपटा लिया ताकि वह सुरक्षित रहे।
पार्वती की इस अविचल निष्ठा, अदम्य साहस और प्रेम से प्रसन्न होकर भगवान शिव उनसे फिर से एकाकार हुए। कहा जाता है कि उन्होंने पार्वती को अपने आधे शरीर में स्थान दिया, जिसके बाद वे 'एकाम्बरेश्वर' या 'एकामरेश्वर' कहलाए। 'एका' का अर्थ एक है और 'आम्रम' का अर्थ आम का पेड़ है, इस प्रकार नाम आम के पेड़ के नीचे भगवान के इस स्वरूप के प्रकटीकरण से जुड़ा है।
मंदिर परिसर में आज भी हजारों साल पुराना एक विशाल आम का पेड़ मौजूद है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह चार अलग-अलग स्वादों के फल देता है, जो चारों वेदों का प्रतीक है। भगवान शिव यहां 'पृथ्वी लिंगम' के रूप में विराजमान हैं और यह स्थल दक्षिण भारत की शानदार द्रविड़ स्थापत्य कला का एक बेहतरीन उदाहरण है। इसके गोपुरम (विशाल प्रवेश द्वार), मंडप और विशाल प्रांगण भक्तों को एक शांत और दिव्य अनुभव प्रदान करते हैं।
यह पवित्र धाम, भगवान शिव की अविचल भक्ति और देवी पार्वती की अदम्य प्रेम कहानी का प्रतीक है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां आकर शिव-पार्वती के इस पवित्र प्रेम की गवाह बनने और पृथ्वी तत्व के शिव के दर्शन कर आध्यात्मिक शांति प्राप्त करते हैं।
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