दिल्ली का दम घुट रहा: AQI 500 के पार, कोहरे की चादर में लिपटी राजधानी

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नई दिल्ली: सोमवार, 15 दिसंबर की सुबह दिल्ली वालों के लिए बेहद मुश्किल भरी रही। शहर घने कोहरे की सफेद चादर में लिपटा हुआ था, आलम यह था कि कुछ मीटर दूर देखना भी मुश्किल हो रहा था। सुबह-सुबह काम पर जाने वालों को सड़कों पर गाड़ियों की रफ्तार पर ब्रेक लगाना पड़ा। इसके साथ ही, दिल्ली की हवा एक बार फिर 'जहरीली' हो गई है, जिससे सांस लेना भी दूभर हो गया है।

दिल्ली बनी गैस चैंबर, हवा 'बेहद गंभीर'

आज सुबह दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 500 के आसपास दर्ज किया गया, जो 'बेहद गंभीर' श्रेणी में आता है। शांत हवाओं के कारण सारा प्रदूषण जमीन के पास ही जमा हो गया है, जिससे स्थिति और भी बिगड़ गई है। दिल्ली का औसत AQI सुबह 460 रहा, वहीं अशोक विहार जैसे इलाकों में यह 500 के खतरनाक स्तर पर पहुंच गया।

  • बवाना: 488
  • बुराड़ी क्रॉसिंग: 489
  • अलीपुर: 447
  • आईजीआई एयरपोर्ट: 403

सिर्फ प्रदूषण ही नहीं, ठंड ने भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। मौसम विभाग के मुताबिक, रात का तापमान गिरकर 8.2 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है और घने कोहरे को लेकर 'ऑरेंज अलर्ट' भी जारी किया गया है।

उड़ानों पर भी पड़ा असर

घने कोहरे का असर दिल्ली एयरपोर्ट पर भी देखने को मिल रहा है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि उड़ानों के संचालन में देरी हो सकती है या वे प्रभावित हो सकती हैं। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपनी फ्लाइट की जानकारी के लिए संबंधित एयरलाइन से संपर्क जरूर कर लें।

प्रदूषण रोकने के लिए GRAP-4 लागू, जानें क्या हैं पाबंदियां

दिल्ली-एनसीआर में बेकाबू होते प्रदूषण को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने सबसे कड़े नियम वाला GRAP-4 लागू कर दिया है। इसके तहत कई सख्त पाबंदियां लगाई गई हैं:

  • कंस्ट्रक्शन पर रोक: किसी भी तरह के निर्माण और तोड़फोड़ के काम पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
  • ट्रकों की 'No Entry': जरूरी सामान लाने वाले ट्रकों को छोड़कर दूसरे राज्यों के ट्रकों की दिल्ली में एंट्री बंद है। हालांकि, CNG, इलेक्ट्रिक और BS-VI डीजल ट्रकों को छूट दी गई है।
  • डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध: दिल्ली में रजिस्टर्ड BS-IV और उससे पुरानी डीजल की भारी गाड़ियों के चलने पर भी रोक है।
  • स्कूलों के लिए निर्देश: स्कूलों को हाइब्रिड मोड में कक्षाएं चलाने को कहा गया है, यानी बच्चे ऑनलाइन या ऑफलाइन, दोनों तरीकों से क्लास ले सकते हैं।
  • ऑड-ईवन की तैयारी? राज्य सरकारों को कहा गया है कि अगर हालात और बिगड़ते हैं, तो वे कॉलेजों और गैर-जरूरी दफ्तरों को बंद करने और गाड़ियों के लिए ऑड-ईवन नियम लागू करने जैसे कदम उठा सकते हैं।

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