Delhi AQI today 1 December: महीने की शुरुआत 'जहरीली' हवा के साथ, दिल्ली 'गंभीर' तो नोएडा 'खतरनाक' स्थिति में

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Delhi AQI today 1 December:  आज 1 दिसंबर (सोमवार) की सुबह जब दिल्ली-एनसीआर के लोग उठे, तो उन्हें सर्दी की धुंध नहीं, बल्कि प्रदूषण की एक मोटी चादर दिखी। अगर आप सोच रहे थे कि आज सुबह मौसम सुहावना है, तो संभल जाइये-यह वो हवा है जो आपके फेफड़ों को नुकसान पहुँचा रही है।

ताजा आंकड़ों ने एक बार फिर खतरे की घंटी बजा दी है। दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 370 दर्ज किया गया है, जो 'गंभीर' (Severe) श्रेणी में आता है। लेकिन दिल्ली से ज्यादा बुरा हाल तो उसके पड़ोसी शहरों का है।

ग्रेटर नोएडा: जहां सांस लेना भी मुश्किल है
एनसीआर (NCR) के हालात डराने वाले हैं। ग्रेटर नोएडा में AQI का कांटा 407 पर पहुँच गया है। 400 के पार जाने का मतलब है कि हवा अब स्वस्थ इंसान को भी बीमार बना सकती है। नोएडा (397) और गाजियाबाद (395) भी बस 400 का आंकड़ा छूने ही वाले हैं।

देश के बाकी शहरों का हाल
सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बाकी शहर भी प्रदूषण की चपेट में हैं:

  • लखनऊ: नवाबों के शहर में AQI 346है (बहुत खराब)।
  • मुंबई: समंदर किनारे बसी मुंबई में भी हवा खराब है, AQI 303 है।
  • चंडीगढ़: यह शहर भी 298 AQI के साथ 'खराब' स्थिति में है।
  • राहत की बात: देहरादून वाले अभी भी 165 AQI (मध्यम) के साथ थोड़ी साफ़ हवा में सांस ले रहे हैं।

सरकारी रिपोर्ट का अजीब विरोधाभास
अब यहाँ एक दिलचस्प और चौंकाने वाली बात सामने आई है। एक तरफ बाहर सांस लेना दूभर है, दूसरी तरफ 'वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग' (CAQM) की रिपोर्ट कहती है कि "हालात सुधरे हैं"।
जी हाँ, CAQM का दावा है कि अगर हम इस साल के जनवरी से नवंबर तक का औसत देखें, तो यह 187 रहा है। उनके मुताबिक, यह पिछले 8 सालों (2020 लॉकडाउन को छोड़कर) में सबसे बेहतर है।

लोग अब सवाल पूछ रहे हैं-अगर औसत इतना अच्छा है, तो आज दम क्यों घुट रहा है? दबी जुबान में चर्चा यह भी है कि कुछ जगहों पर मॉनिटरिंग स्टेशन पर पानी का छिड़काव करके आंकड़ों को सुधारा गया है, हालांकि यह जांच का विषय है।

'धीमा जहर' और राजनीति
इस जहरीली हवा पर सियासत भी गरमा गई है। कांग्रेस ने सीधे तौर पर केंद्र और राज्य सरकारों पर हमला बोला है। उन्होंने इसे जनता के लिए "धीमा जहर" (Slow Poison) बताया है। कांग्रेस का आरोप है कि पार्टियां 'फ्री की रेवड़ी' बांटने में पैसा लगा रही हैं, लेकिन लोगों को साफ़ हवा और बुनियादी सुविधाएं देने के लिए खजाना खाली है।

हीरो न बनें, मास्क पहनें
विशेषज्ञों की साफ़ सलाह है कि अभी कुछ दिन 'मॉर्निंग वॉक' को भूल जाएं।

  1. बुजुर्ग, बच्चे और अस्थमा के मरीज घर पर ही रहें।
  2. बाहर निकलना मज़बूरी हो तो N95 मास्क जरूर पहनें।
  3. हो सके तो घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।

हालात गंभीर हैं, सरकारी दावे अपनी जगह हैं, लेकिन अपनी सेहत की सुरक्षा आपके अपने हाथ में है।

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