हाथ में डिग्री और नीयत में खोट कैसे BBA और B.Com के छात्रों ने चंडीगढ़ को बनाया नकली नोटों का अड्डा?
News India Live, Digital Desk : चंडीगढ़ को अपनी खूबसूरती और शांति के लिए जाना जाता है, लेकिन शहर की चकाचौंध के पीछे कुछ ऐसा पक रहा था जिसने पुलिस से लेकर आम जनता तक के होश उड़ा दिए हैं। अक्सर जब हम 'नकली नोट' या 'अपराध' की बात करते हैं, तो हमारे दिमाग में किसी अनपढ़ अपराधी की तस्वीर आती है। लेकिन चंडीगढ़ पुलिस ने जिस गिरोह का पर्दाफाश किया है, उसकी हकीकत बहुत अलग और डराने वाली है।
इस बार पुलिस के हत्थे चढ़े हैं पांच नौजवान, जिनमें से कोई बीकॉम पास है तो कोई बी-बी-ए (BBA) का छात्र। यानी वो युवा जिन्हें देश का भविष्य माना जाता था, वे बड़ी सफाई से नोट छापने की मशीनें चला रहे थे।
घर में ही लगा ली नोट छापने की मशीन
हैरानी की बात ये है कि इन लड़कों ने किसी गुप्त तहखाने में नहीं, बल्कि चंडीगढ़ और आसपास के इलाकों में ही अपनी यूनिट बना रखी थी। यहाँ से ये सड़कों पर इस्तेमाल होने वाले आम नोटों की हुबहू नकल तैयार करते थे। पुलिस की छापेमारी में हाई-टेक प्रिंटर, कटर और अच्छी क्वालिटी का पेपर मिला है। इन लड़कों का काम इतना बारीकी वाला था कि एक आम इंसान के लिए पहली नज़र में असली और नकली का फर्क करना मुश्किल हो जाए।
5 राज्यों तक फैला था इनका सिंडिकेट
यह स़िर्फ एक छोटे मोहल्ले की कहानी नहीं है। जाँच में पता चला है कि इन युवाओं का नेटवर्क पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान जैसे कम से कम 5 राज्यों में फैला हुआ था। ये लड़के छोटी दुकानों, ढाबों और शराब के ठेकों को अपना निशाना बनाते थे, जहाँ अक्सर लोग नोट की बारीकी से जाँच नहीं करते। तेज़ पैसा कमाने और महंगे शौक पूरे करने के लालच ने इन युवाओं को अपराध के ऐसे दलदल में धकेल दिया जहाँ से वापसी मुमकिन नहीं थी।
पढ़ाई-लिखाई पर भारी पड़ी 'लालच'
समाज के लिए सबसे चिंताजनक बात यह है कि इस गैंग के मुख्य सदस्य उच्च शिक्षा ले रहे थे। आखिर क्यों एक काबिल छात्र अपराध की राह चुन लेता है? पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लाइफस्टाइल की होड़ और कम मेहनत में अमीर बनने की चाहत इन्हें गुमराह कर रही है। जब इन लड़कों से पूछताछ हुई, तो उन्होंने अपने गुनाह कबूल किए, लेकिन तब तक उनका करियर और सम्मान दोनों खाक में मिल चुके थे।
सावधानी ही बचाव है
पुलिस की इस कामयाबी ने एक बड़े नेटवर्क को तो तोड़ दिया है, लेकिन मार्केट में अब भी काफी जाली करेंसी होने का खतरा है। एक जागरूक नागरिक के तौर पर अब हमारी बारी है। बड़े नोट लेते समय सुरक्षा धागा (Security Thread) और गांधी जी के वॉटरमार्क की जाँच ज़रूर करें। अगर कहीं भी शक हो, तो तुरंत इसकी जानकारी पास के पुलिस स्टेशन को दें।
शिक्षा इंसान को समझदार बनाती है, लेकिन अगर उस समझ का इस्तेमाल गलत दिशा में हो, तो परिणाम स़िर्फ सलाखें ही होती हैं। चंडीगढ़ की यह घटना उन तमाम युवाओं के लिए एक बड़ा सबक है जो 'शॉर्टकट' से सफलता पाने की फिराक में रहते हैं।
--Advertisement--