Budh Pradosh Vrat : दिसंबर में बन रहा है अद्भुत संयोग, शिव जी के साथ गजानन भी भरेंगे आपकी झोली
News India Live, Digital Desk : साल 2025 के इस दिसंबर महीने में भक्ति का एक बड़ा ही सुंदर और शुभ संयोग (Auspicious Combination) बन रहा है। हम सब जानते हैं कि 'प्रदोष व्रत' भगवान भोलेनाथ को कितना प्रिय है, लेकिन जब यह व्रत 'बुधवार' के दिन पड़ता है, तो इसकी महिमा दोगुनी हो जाती है। इसे Budh Pradosh Vrat कहा जाता है।
क्यों खास है यह बुध प्रदोष?
हिन्दू धर्म में बुधवार का दिन भगवान गणेश का माना जाता है, जो बुद्धि और विघ्नहर्ता के देवता हैं। और प्रदोष व्रत समर्पित है देवाधिदेव महादेव को। तो सोचिए, जब एक ही दिन पिता (शिव) और पुत्र (गणेश) दोनों की आराधना का मौका मिले, तो भक्तों के लिए इससे बड़ी बात क्या हो सकती है! इस बार दिसंबर 2025 में यह शुभ तिथि आ रही है।
मान्यता है कि जो कोई भी इस दिन सच्चे मन से व्रत रखता है, उसके जीवन से सारे कांटे निकल जाते हैं। शिव जी की कृपा से स्वास्थ्य और लंबी उम्र मिलती है, और Lord Ganesha के आशीर्वाद से घर में रिद्धि-सिद्धि और बुद्धि का वास होता है।
कामनाएं कैसे पूरी होंगी?
कहते हैं अगर किसी के बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लग रहा, या व्यापार में बुद्धि काम नहीं कर रही, तो उन्हें यह व्रत जरूर करना चाहिए। Budh Pradosh Significance यही है कि यह आपको दिमागी तौर पर मजबूत बनाता है और राहु-केतु जैसे ग्रहों की शांति भी करता है।
पूजा का सही समय और तरीका
प्रदोष व्रत की सबसे खास बात 'प्रदोष काल' है यानी सूर्यास्त (Sunset) के तुरंत बाद का समय।
बस करना इतना है कि शाम के वक्त नहा-धोकर साफ कपड़े पहनें।
शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र चढ़ाएं।
चूंकि यह बुध प्रदोष है, तो गणेश जी को हरी दूर्वा (Doob Grass) चढ़ाना न भूलें।
मन ही मन 'ओम नमः शिवाय' का जाप करें।
यह व्रत कठिन नहीं है, बस भाव सच्चा होना चाहिए। अगर आप व्रत नहीं भी रख पाते, तो कम से कम शाम के वक्त शिव मंदिर में एक घी का दीया जरूर जलाएं। इससे आपके अटके हुए काम बन जाएंगे।
--Advertisement--