Bihar Mafia Crackdown : क्या आप भी किसी माफिया के पैसों से शौक कर रहे हैं? ED की नई लिस्ट में आ सकता है आपका नाम

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News India Live, Digital Desk : बिहार में प्रवर्तन निदेशालय (ED), सीबीआई (CBI) और आयकर विभाग (Income Tax) ने अब अपनी जांच का तरीका बदल दिया है। पहले ये एजेंसियां सिर्फ सीधे तौर पर माफियाओं को टारगेट करती थीं, लेकिन अब इनका पूरा ध्यान "बेनामी संपत्तियों" (Benami Properties) पर है।

खेल क्या चल रहा है?

अक्सर हम देखते हैं कि बालू माफिया (Sand Mafia), शराब माफिया या ठेकेदार खुद को क़ानून की नज़र से बचाने के लिए अपनी काली कमाई सीधे अपने नाम पर नहीं रखते। वो ढाल बनाते हैं अपने रिश्तेदारों, दोस्तों, नौकरों या ड्राइवरों को।

  • लग्जरी गाड़ियाँ: एक सामान्य कमाई करने वाले इंसान के नाम पर 20-25 लाख की Scorpio या 40 लाख की Fortuner खरीद ली जाती है।
  • कीमती जमीन: पटना, रांची या दिल्ली जैसे शहरों में महंगे फ्लैट और जमीनें साले, जीजा या किसी दूर के रिश्तेदार के नाम पर रजिस्टर करवाई जाती हैं।

माफिया तो मौज कर रहे होते हैं, लेकिन कागजों में 'मालिक' बनकर फंस जाते हैं आप!

एजेंसियां अब क्या कर रही हैं?

सूत्रों की मानें तो केंद्रीय एजेंसियों ने एक बहुत बड़ी लिस्ट तैयार की है। वो डेटा माइनिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ले रहे हैं।
अगर आपके नाम पर कोई बड़ी संपत्ति या गाड़ी है, लेकिन आपका ITR (Income Tax Return) उस खर्च से मेल नहीं खाता, तो समझिये बुलावा आने वाला है। ED यह जांच रही है कि जो शख्स महीने का 10-20 हजार कमाता है, उसके नाम पर करोड़ों की प्रॉपर्टी कहां से आई?

न गाड़ी बचेगी, न घर... और जेल अलग से!

सबसे डराने वाली बात यह है कि बेनामी संपत्ति कानून (Benami Property Act) बहुत सख्त है। अगर यह साबित हो गया कि संपत्ति आपने माफिया के पैसे से खरीदी है:

  1. वह पूरी संपत्ति जब्त (Confiscated) कर ली जाएगी।
  2. जिसके नाम पर संपत्ति है (यानी बेनामीदार), उसे भी जेल (Imprisonment) जाना पड़ सकता है।
  3. आप यह कहकर नहीं बच सकते कि "मुझे नहीं पता था"।

क्या सबक लेना चाहिए?

अगर बिहार में रहते हैं, तो यह बात गाँठ बाँध लें दूसरों के पैसे से खरीदी गई चीज़ें कभी आपकी नहीं हो सकतीं। अगर कोई रिश्तेदार या बाहुबली मित्र आपको प्रलोभन दे कि अपने आधार कार्ड पर सिम, गाड़ी या जमीन ले लो, तो साफ़ मना कर दें।

थोड़े से लालच के चक्कर में अपनी सुकून भरी जिंदगी दांव पर न लगाएं। एजेंसियां अब पाई-पाई का हिसाब मांग रही हैं और कोई भी "कनेक्शन" काम नहीं आ रहा है। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें!

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