बिहार चुनाव का शंखनाद RJD ने बताया जीत का मंत्र, एनडीए को लेकर कह दी ऐसी बात कि मच गई खलबली
News India Live, Digital Desk: पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने एनडीए पर करारा हमला बोला है। आरजेडी का कहना है कि बिहार में तथाकथित 'डबल इंजन' की सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है और जनता अब बदलाव चाहती है। लेकिन, सिर्फ सरकार को कोसने से काम नहीं चलेगा, इसके लिए आरजेडी ने जीत के दो अहम सूत्र (Formulas) दिए हैं।
आइये, बिल्कुल आसान भाषा में समझते हैं कि आखिर आरजेडी का प्लान क्या है।
पहला फॉर्मूला: संगठन में ही शक्ति है (Booth Management)
अक्सर चुनाव में देखा जाता है कि रैलियों में भीड़ तो आती है, लेकिन वोट में नहीं बदलती। आरजेडी ने अपनी पहली नसीहत यही दी है कि 'संगठन को धारदार बनाओ'।
पार्टी ने माना है कि कई बार आपसी गुटबाजी या बूथ (Booth) पर ढिलाई की वजह से जीती हुई बाज़ी हाथ से निकल जाती है। इसलिए पहला फॉर्मूला है हर एक बूथ पर अपनी पकड़ मजबूत करना। नेताओं को साफ कहा गया है कि अगर आप बूथ नहीं जीत पाए, तो बड़े-बड़े भाषणों का कोई मतलब नहीं है। एक-एक वोटर से व्यक्तिगत संपर्क बनाना ही जीत की पहली सीढ़ी है।
दूसरा फॉर्मूला: सबको साथ लेकर चलना (Social Engineering)
आरजेडी अब अपनी पुरानी छवि से बाहर निकल रही है। दूसरा फॉर्मूला सामाजिक दायरा बढ़ाने का है। पार्टी का जोर है कि सिर्फ़ अपने पक्के वोट बैंक (MY समीकरण) के भरोसे न रहें, बल्कि दलितों, अति-पिछड़ों और सामान्य वर्ग के गरीबों को भी अपने साथ जोड़ें।
आरजेडी का यह तर्क है कि महंगाई और बेरोजगारी से हर जाति का आदमी परेशान है। इसलिए जाति से ऊपर उठकर 'रोजी-रोटी' और 'नौकरी' के मुद्दे पर सबको एकजुट करना ही जीत का दूसरा मंत्र है। तेजस्वी यादव के "रोजगार मॉडल" को घर-घर पहुँचाने की बात कही जा रही है।
NDA पर तंज: "काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती"
इस रणनीति को बताते समय आरजेडी ने एनडीए पर भी जमकर निशाना साधा। उनका कहना है कि बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन अब 'काठ की हांडी' हो गया है, जो अब दोबारा नहीं चढ़ेगी। उनका मानना है कि जनता समझ चुकी है कि विकास का असली एजेंडा किसके पास है।
अब आगे क्या?
राजनीति में दावे तो बहुत होते हैं, लेकिन आरजेडी का यह "बूथ + सामाजिक समीकरण" वाला प्लान सुनने में तो ठोस लगता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके कार्यकर्ता इन फॉर्मूलों को जमीन पर कितनी ईमानदारी से उतार पाते हैं।
बिहार की पब्लिक बहुत स्मार्ट है बॉस! वो फॉर्मूला देखेगी भी और परखेगी भी। आपका क्या मानना है? क्या तेजस्वी की रणनीति इस बार एनडीए को पटखनी दे पाएगी?
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