Hypothyroidism के लक्षणों के लिए सर्वश्रेष्ठ विटामिन: आपकी थायरॉयड की सेहत का ख्याल
Hypothyroidism या कम सक्रिय थायरॉयड ग्लैंड की स्थिति में शरीर में थायरॉयड हार्मोन की कमी हो जाती है, जिससे कई समस्याएं हो सकती हैं जैसे थकान, वजन बढ़ना, ठंडक लगना, और मानसिक अस्वस्थता। इस स्थिति में सही विटामिन्स और मिनरल्स का सेवन आपकी सेहत सुधारने, सूजन कम करने और थायरॉयड के संतुलन में मदद कर सकता है।
सबसे जरूरी विटामिन और मिनरल्स जो हाइपोथायरॉयडिज्म में मदद करते हैं
सेलेनियम (Selenium):
सेलेनियम थायरॉयड हार्मोन के सक्रिय रूप में बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह थायरॉयड की सूजन और ऑटोइम्यून प्रतिक्रियाओं को कम करता है और थायरॉयड एंटीबॉडीज को घटाने में मदद करता है।
विटामिन D:
विटामिन D की कमी हाइपोथायरॉयडिज्म में आम है, खासकर ऑटोइम्यून थायरॉयड रोग में। यह इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है, सूजन घटाता है और मूड को बेहतर बनाता है। साथ ही, मांसपेशियों की ताकत को बढ़ाने और हड्डियों को मजबूत रखने में भी सहायक है।
विटामिन B12:
हाइपोथायरॉयड रोगियों में विटामिन B12 की कमी आम है, जो थकान, कमजोरी, और न्यूरोलॉजिकल समस्याओं को बढ़ा सकती है। B12 एनर्जी बढ़ाने और तंत्रिका प्रणाली को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है।
जिंक (Zinc):
जिंक थायरॉयड हार्मोन बनाने में अहम है। इसकी कमी से थायरॉयड कार्य प्रभावित हो सकता है। जिंक के सेवन से हार्मोन उत्पादन और कार्यक्षमता बेहतर होती है।
मैग्नीशियम (Magnesium):
मैग्नीशियम सूजन घटाने और हार्मोन के रूपांतरण में सहायक होता है। यह तनाव कम कर मांसपेशियों की ताकत बनाए रखता है।
विटामिन A:
विटामिन A हार्मोन सिग्नलिंग को नियंत्रित करता है और आयोडीन के अवशोषण में मदद करता है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।
विटामिन्स कैसे लें?
संतुलित आहार से लगभग सभी विटामिन्स और मिनरल्स मिल जाते हैं।
जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स का उपयोग करें।
बिना परीक्षण के खुद से सप्लीमेंट लेना हानिकारक हो सकता है, खासकर आयोडीन और विटामिन A।
विटामिन स्रोत (खाद्य पदार्थ)
सेलेनियम: नट्स, अंडे, मछली
विटामिन D: सूरज की रोशनी, फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ, सप्लीमेंट
विटामिन B12: दूध, अंडे, मांस
जिंक: कद्दू के बीज, दालें, साबुत अनाज
मैग्नीशियम: नट्स, बीज, हरी सब्जियां, डार्क चॉकलेट
विटामिन A: गाजर, पालक, शकरकंद
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