"आजादी उपहार में नहीं मिलती, बलिदान से हासिल होती है": विजय दिवस पर बोले राज्यपाल, बांग्लादेशी मुक्ति योद्धाओं का किया सम्मान

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कोलकाता, 15 दिसंबर : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ सी वी आनंद बोस ने विजय दिवस से पहले बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दिग्गजों को सम्मानित किया। लोक भवन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा कि 16 दिसंबर को मनाया जाने वाला विजय दिवस साहस, बलिदान और अन्याय पर न्याय की जीत की जीवंत याद है।

राज्यपाल बोस ने अपने संबोधन में कहा कि मुक्ति योद्धाओं ने किसी पर विजय पाने के लिए नहीं, बल्कि सम्मान और गरिमा के लिए संघर्ष किया। उनका संघर्ष यह याद दिलाता है कि आजादी कभी उपहार में नहीं मिलती। इसे बलिदान, अनुशासन और सही उद्देश्य में आस्था के साथ हासिल किया जाता है।

उन्होंने कहा कि विजय दिवस की भावना सीमा के दोनों ओर आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहे और शांति, समृद्धि व गरिमा हमेशा बनी रहे। राज्यपाल ने पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के बीच ऐतिहासिक रिश्तों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल का बांग्लादेश से रिश्ता केवल भूगोल तक सीमित नहीं है। बंगाल की मिट्टी, नदियां, गांव और लोग उन दिनों को आज भी याद करते हैं।

इस अवसर पर जिन बांग्लादेशी युद्ध दिग्गजों को सम्मानित किया गया, उनमें मोहम्मद हबीबुल आलम, मेजर अलिक कुमार गुप्ता सेवानिवृत्त, मेजर कमरुल आबेदीन सेवानिवृत्त, मेजर मनीष देवन सेवानिवृत्त, मेजर मोहम्मद अब्दुल हकीम सेवानिवृत्त, ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद लुत्फुर रहमान, मेजर शेर ए शहबाज और ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद हाफिजुर रहमान शामिल हैं।

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