बलरामपुर : छह साल बाद बदली जमीन की कीमतें, नई गाइडलाइन दरें लागू होने से बाजार में आया संतुलन

Post

बलरामपुर, 15 दिसंबर :छत्तीसगढ़ में भूमि मूल्यों को लेकर लंबे समय से चली आ रही असमानताओं को दूर करने की दिशा में राज्य शासन ने बड़ा कदम उठाया है। वर्ष 2025-26 के लिए नई गाइडलाइन दरें जारी कर दी गई हैं, जो 20 नवंबर 2025 से पूरे प्रदेश में प्रभावी हो चुकी हैं। महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक के मार्गदर्शन में केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड द्वारा अनुमोदित इन दरों के माध्यम से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जमीन के वास्तविक बाजार मूल्य को दर्शाने का प्रयास किया गया है।

वर्ष 2019-20 के बाद करीब छह वर्षों के अंतराल पर किए गए इस पुनरीक्षण को व्यापक और जनहितकारी माना जा रहा है। इसका उद्देश्य केवल दरों में वृद्धि करना नहीं, बल्कि वर्षों से चली आ रही विसंगतियों को दूर कर भूमि बाजार को अधिक यथार्थवादी बनाना है। ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य मार्ग से लगी जमीनों की दरों में औसतन 109 प्रतिशत और अंदरूनी क्षेत्रों में लगभग 105 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। यह बढ़ोतरी अलग-अलग गांवों के बीच किए गए वैज्ञानिक रेशनलाइजेशन का परिणाम बताई जा रही है।

बलरामपुर जिले में कई ऐसे गांव सामने आए, जहां पूर्व में तय गाइडलाइन दरें वास्तविक बाजार मूल्य की तुलना में काफी कम थीं। उदाहरण के तौर पर ताम्बेश्वरनगर गांव में वर्ष 2019-20 के दौरान मुख्य मार्ग की दर मात्र 6.28 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर थी, जबकि समीप स्थित आरागाही गांव में यही दर 34.27 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर थी। दोनों ही गांव राष्ट्रीय राजमार्ग 343 के पास स्थित हैं। नए पुनर्मूल्यांकन के बाद ताम्बेश्वरनगर की मुख्य मार्ग दर 51.52 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर तय की गई, जिससे वहां 700 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज हुई।

इसी तरह लूरघुट्टा गांव में मुख्य मार्ग पर 711 प्रतिशत और अंदरूनी हिस्सों में 413 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है। नावाडीह गांव में मुख्य मार्ग की दरों में 568 प्रतिशत और अंदर की ओर 326 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है। ये दोनों गांव राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े हुए हैं और तातापानी जैसे पर्यटन और व्यवसायिक क्षेत्र के समीप होने के कारण निवेश की दृष्टि से महत्वपूर्ण माने जाते हैं।

भवानीपुर गांव में भी भूमि मूल्यों का पुनरीक्षण किया गया, जहां मुख्य मार्ग पर 554 प्रतिशत और अंदरूनी क्षेत्र में 411 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई। यह गांव निवेश संभावनाओं वाले क्षेत्र में आता है और पहले इसकी दरें आसपास के गांवों की तुलना में काफी कम थीं। इसी प्रकार विकासखंड मुख्यालय रामचंद्रपुर, जहां से स्टेट हाईवे गुजरता है, वहां भी मुख्य मार्ग की दरों में 300 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है। यहां सर्वे दर पहले से ही अधिक होने के कारण मूल्य संशोधन आवश्यक माना गया।

शहरी क्षेत्रों में भी गाइडलाइन दरों का व्यापक पुनरीक्षण किया गया है। बलरामपुर जिले के सभी नगरीय निकायों में मुख्य मार्ग और अंदरूनी इलाकों की दरों में औसतन 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। बलरामपुर नगर में कई वार्ड राष्ट्रीय राजमार्ग 343 से जुड़े हुए हैं, जहां पहले एक ही सड़क पर अलग-अलग वार्डों में जमीन की कीमतों में बड़ा अंतर देखने को मिलता था।

नई गाइडलाइन के तहत इन विसंगतियों को दूर किया गया है। उदाहरण के तौर पर रविन्द्र प्रताप सिंह वार्ड में प्रति वर्गमीटर दर 5740 रुपये थी, जबकि उसी मुख्य मार्ग पर स्थित वार्ड 03 में यह दर केवल 1830 रुपये प्रति वर्गमीटर थी। अब नए परिसीमन और वार्डवार मूल्यांकन के आधार पर दोनों वार्डों की दरों को वास्तविक बाजार स्थिति के अनुरूप संशोधित किया गया है।

पिछले पांच वर्षों में बढ़ती आबादी, आवासीय भूखंडों की मांग, व्यवसायिक गतिविधियों के विस्तार और शहरीकरण की तेज रफ्तार को देखते हुए नगरीय क्षेत्रों में इस पुनरीक्षण को आवश्यक माना गया। इसके लिए नगर पालिका कर्मचारियों, पटवारियों और तकनीकी संसाधनों की मदद से वार्डवार नई दरें तय की गईं।

विशेषज्ञों का मानना है कि नई गाइडलाइन दरें भूमि बाजार को अधिक पारदर्शी और संतुलित बनाएंगी। ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को भूमि अधिग्रहण के समय उचित मूल्य मिलने में मदद मिलेगी, वहीं शहरी क्षेत्रों में नियोजित विकास को बढ़ावा मिलेगा। यह वैज्ञानिक मूल्य निर्धारण राज्य के आर्थिक विकास के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगा।

--Advertisement--

--Advertisement--