योगी सरकार ने दिया बरेली को नगर वन का तोहफा, वन मंत्री ने पाॅवर पाइंट प्रजेंटेशन देख कर लेआउट पर की चर्चा
बरेली, 15 दिसंबर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ग्रीन और ईको-फ्रेंडली विजन को धरातल पर उतारते हुए बरेली को नगर वन का बड़ा तोहफा मिलने जा रहा है। सीबीगंज में विकसित किए जाने वाले इस आरबोरेटम को यूपी ईको-टूरिज्म के एजेंडे में शामिल किया गया है। सोमवार को लखनऊ में वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में नगर वन के डिजाइन और लेआउट पर विस्तार से चर्चा की गई। कंसलटेंट एजेंसी ने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से नगर वन का खाका पेश किया, जिसे वन मंत्री ने स्वीकृति दे दी।
करीब 10 करोड़ रुपये की लागत से विकसित होने वाले नगर वन में ईको-फ्रेंडली कैफेटेरिया, बच्चों के लिए आधुनिक पार्क, किड्स प्ले एरिया और परिवारों के लिए सुकून भरे भ्रमण स्थल तैयार किए जाएंगे। जंगल के बीच लकड़ी से बने ट्री-हाउस पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होंगे। इसके अलावा टहलने के लिए पाथवे, हर्बल और औषधीय पौधों की वाटिकाएं बनाई जाएंगी। नगर वन में प्राचीन और दुर्लभ वृक्षों की जानकारी अंकित की जाएगी, ताकि पर्यटक उनकी उपयोगिता और ऐतिहासिक महत्व को समझ सकें। आकर्षक सेल्फी प्वाइंट युवाओं और पर्यटकों के लिए खास आकर्षण होंगे।
सीबीगंज वन क्षेत्र में पहले ही मियावाकी वन विकसित किया जा चुका है। अब नगर वन परियोजना से दुर्लभ प्रजातियों के संरक्षण के साथ-साथ पर्यटन को भी नई दिशा मिलेगी। नाथ कॉरिडोर पहले से निर्माणाधीन है और नगर वन के जुड़ने से बरेली में आस्था, प्रकृति और पर्यटन का संगम तैयार होगा। डीएफओ दीक्षा भंडारी ने बताया कि नगर वन परियोजना को यूपी ईको-टूरिज्म के साथ बैठक में शामिल किया गया और स्वीकृति मिल गई।
सीबीगंज का आरबोरेटम करीब 30 हेक्टेयर में फैला है, जिसमें चंदन, रुद्राक्ष, केवड़ा, शाल और श्रीलंका की दुर्लभ प्रजातियों के पेड़ मौजूद हैं। इस परियोजना की सबसे बड़ी विशेषता यह होगी कि वन क्षेत्र में कोई पक्का निर्माण नहीं होगा और एक भी पेड़ नहीं काटा जाएगा। मुख्य वन संरक्षक के निर्देशन में वनस्पतियों पर शोध और प्रशिक्षण के लिए केंद्र भी विकसित किए जाएंगे। वन विभाग, पर्यटन विभाग, बीडीए और नगर निगम की सहभागिता से डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
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