भारतीय निर्यात: अमेरिका ने मुंह मोड़ा, लेकिन भारत को मिले नए ग्राहक! टेक्सटाइल और ज्वेलरी की मांग बढ़ी

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भारतीय निर्यात: जब अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ का बोझ बढ़ाया, तो कई लोगों को लगा कि भारत के निर्यात पर बड़ा असर पड़ेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके विपरीत, भारत को नए देशों में ग्राहक मिले और कपड़ा, आभूषण और समुद्री उत्पादों की माँग तेज़ी से बढ़ी। वाणिज्य मंत्रालय के नए आँकड़े बताते हैं कि जनवरी से सितंबर 2025 के बीच भारत के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। भारतीय वस्तुओं की लोकप्रियता, खासकर एशिया, यूरोप और पश्चिम एशिया के देशों में, बढ़ी है।

समुद्री उत्पाद निर्यात में 15.6% की वृद्धि

इस अवधि के दौरान समुद्री खाद्य निर्यात 15.6% बढ़कर 4.83 अरब डॉलर हो गया। 1.44 अरब डॉलर के साथ अमेरिका अभी भी सबसे बड़ा बाज़ार है, लेकिन नए देश भी उभरे हैं:

- वियतनाम: 100% से अधिक की वृद्धि

- बेल्जियम: 73% वृद्धि

- थाईलैंड: 54% वृद्धि

चीन, जापान और मलेशिया में भी मांग तेजी से बढ़ी है।

कपड़ा निर्यात 1.23% बढ़कर 28 अरब डॉलर से अधिक हुआ

भारत को कपड़ा क्षेत्र में भी नए बाज़ार मिले। संयुक्त अरब अमीरात, पेरू, नाइजीरिया, मिस्र और पोलैंड में कपड़ों की माँग बढ़ी। प्रमुख आँकड़े:

- यूएई: 8.6% की वृद्धि

- नीदरलैंड: 11.8% वृद्धि

- पोलैंड: 24% वृद्धि

- मिस्र: 24.5% वृद्धि

आभूषण निर्यात 1.24% बढ़कर 22.73 अरब डॉलर पर पहुंचा

रत्न एवं आभूषण निर्यात भी मज़बूत रहा। वर्ष की पहली छमाही में इसमें 1.24% की वृद्धि हुई। उल्लेखनीय वृद्धि:

- यूएई: 37.7%

- दक्षिण कोरिया: 134%

- सऊदी अरब: 68%

- कनाडा: 41%

ये आँकड़े बताते हैं कि भारत ने अमेरिका पर अपनी निर्भरता कम की है और वैश्विक बाज़ार में अपनी स्थिति मज़बूत की है। भविष्य में नए देशों के साथ व्यापारिक संबंध और मज़बूत होने की उम्मीद है।

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