Afghanistan Pakistan border tension : पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच आधी रात को चली गोलियां, लोग घर छोड़ने पर मजबूर

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Afghanistan Pakistan border tension : एक बार फिर पाकिस्तान और अफ़गानिस्तान के बॉर्डर पर माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया है. शुक्रवार की देर रात, दोनों देशों की सीमा पर ज़बरदस्त गोलीबारी शुरू हो गई, जिससे वहां रहने वाले लोगों में दहशत फैल गई. यह सब तब हुआ जब कुछ ही दिन पहले शांति के लिए हुई बातचीत बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई. अब दोनों ही देश एक-दूसरे पर गोलीबारी शुरू करने का आरोप लगा रहे हैं.

हालात इतने खराब हो गए हैं कि डूरंड लाइन (Durand Line) के दोनों तरफ बसे लोग अपने घर-बार छोड़कर सुरक्षित जगहों की ओर भाग रहे हैं. गनीमत है कि अभी तक किसी के मारे जाने की कोई खबर नहीं आई है.

आखिर हुआ क्या था?

अफगानिस्तान की तालिबान सरकार का कहना है कि पाकिस्तानी फौज ने कंधार के स्पिन बोल्डक इलाके में हमला किया. वहीं, पाकिस्तान का कहना है कि अफ़गान सेना ने चमन बॉर्डर पर बिना किसी उकसावे के गोलियां चलाईं. देखते ही देखते, छोटी-मोटी झड़प ने बड़ा रूप ले लिया और दोनों तरफ से भारी हथियारों का इस्तेमाल होने लगा.

अफगानिस्तान के बॉर्डर पुलिस के एक अधिकारी ने दावा किया कि शुरुआत पाकिस्तान की तरफ से हुई थी, जिसके बाद अफ़ग़ान सेना को बड़ा एक्शन लेना पड़ा. वहीं, कुछ अफगानी मीडिया रिपोर्ट्स में तो यह भी कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना अपनी 20 से ज़्यादा चौकियां छोड़कर पीछे हट गई है.

क्यों बिगड़े हालात?

स्थानीय लोगों का कहना है कि पाकिस्तानी सेना ने आम लोगों के घरों पर रॉकेट दागे, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई. कहा जा रहा है कि जब अफगान सेना शांति बनाए हुए थी, तभी पाकिस्तानी सैनिकों ने ग्रेनेड फेंक दिया, जिसके बाद अफ़ग़ानिस्तान की तरफ से भी जवाबी कार्रवाई हुई. इस कार्रवाई में पाकिस्तान को काफी नुकसान पहुंचने की बात कही जा रही है. गोलीबारी इतनी ज़्यादा थी कि लोगों को रातभर गोलियों और धमाकों की आवाजें सुनाई देती रहीं, जिसकी वजह से कई परिवार डरकर रातों-रात अपना गांव खाली कर चुके हैं.

क्या है इस विवाद की जड़?

यह कोई नया विवाद नहीं है. पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच डूरंड लाइन को लेकर सालों से झगड़ा चला आ रहा है. अफगानिस्तान इस लाइन को अंतरराष्ट्रीय सीमा नहीं मानता, क्योंकि इस रेखा ने पश्तून आबादी को दोनों देशों में बांट दिया है. यही वजह है कि यहां अक्सर तनाव का माहौल बना रहता है.

पाकिस्तान का यह भी आरोप है कि चरमपंथी गुट अफगानिस्तान की ज़मीन का इस्तेमाल करके उसके खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान जैसे इलाकों में हमले करते हैं. हालांकि, तालिबान इन आरोपों को हमेशा खारिज करता आया है और कहता है कि पाकिस्तान को अपनी अंदरूनी सुरक्षा समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए.

कुछ ही समय पहले सऊदी अरब में शांति के लिए बातचीत भी हुई थी, लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला. अब एक बार फिर, इस गोलीबारी ने दोनों पड़ोसी देशों के रिश्तों में कड़वाहट घोल दी है.

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