New mantra of fitness: व्यायाम से महिलाएं 40 के बाद भी रखें खुद को मजबूत और ऊर्जावान
News India Live, Digital Desk:New mantra of fitness: 40 और 50 की उम्र के पड़ाव के बाद, अक्सर महिलाओं के शरीर में एक तरह की कमज़ोरी और ऊर्जा की कमी महसूस होने लगती है। यह महज़ बढ़ती उम्र का मामला नहीं, बल्कि इसके पीछे एक गहरा वैज्ञानिक कारण है, जिसका संबंध हमारे शरीर की सबसे छोटी, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण इकाइयों – कोशिकाओं से है।
हमारी हर कोशिका के भीतर 'माइटोकॉन्ड्रिया' नामक छोटे ऊर्जा केंद्र होते हैं, जिन्हें अक्सर कोशिका का पावरहाउस कहा जाता है। ये ही हमारे शरीर को हर कार्य के लिए ऊर्जा प्रदान करते हैं। शोध बताते हैं कि 40-50 साल की उम्र के बाद, खासकर महिलाओं में, इन माइटोकॉन्ड्रिया की संख्या और कार्यक्षमता दोनों में गिरावट आने लगती है। इस गिरावट के कारण शरीर में ऊर्जा का स्तर कम होने लगता है, मांसपेशियां कमज़ोर पड़ने लगती हैं, और व्यक्ति को लगातार थकान, कमज़ोरी व कम शारीरिक क्षमता का अनुभव होता है। यहीं से मेटाबॉलिज्म भी धीमा होने लगता है, जिससे वज़न बढ़ने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
ऐसे में, इस प्रक्रिया को धीमा करने या इसे पलटने में 'व्यायाम' एक संजीवनी बूटी का काम करता है। नियमित शारीरिक गतिविधि, खासकर बढ़ती उम्र में, माइटोकॉन्ड्रिया की संख्या को बढ़ाने और उनकी दक्षता (efficiency) को सुधारने में सीधे तौर पर सहायक होती है। जब हम व्यायाम करते हैं, तो शरीर की कोशिकाएं अधिक ऊर्जा की मांग करती हैं, जिसके जवाब में माइटोकॉन्ड्रिया अधिक सक्रिय होते हैं और उनकी संख्या भी बढ़ जाती है। इसका सीधा फायदा यह होता है कि शरीर में ऊर्जा का स्तर बेहतर होता है, मांसपेशियों की कमज़ोरी दूर होती है, और हड्डी की सघनता भी बनी रहती है। व्यायाम सिर्फ ऊर्जा नहीं बढ़ाता, बल्कि यह कोशिकाओं के स्तर पर बढ़ती उम्र के प्रभावों को भी धीमा करता है, जिससे महिलाएं 40 या 50 के बाद भी अधिक फुर्तीली, सक्रिय और मजबूत महसूस कर सकती हैं।
कुल मिलाकर, 40 और 50 की उम्र के बाद शरीर में होने वाली अंदरूनी कमज़ोरी से निपटने का सबसे प्रभावी और वैज्ञानिक तरीका है नियमित व्यायाम को अपनी जीवनशैली का अभिन्न अंग बनाना। यह न केवल शरीर को मजबूत बनाए रखेगा, बल्कि आंतरिक ऊर्जा को भी बहाल करेगा, जिससे आप लंबी आयु तक स्वस्थ और जीवंत जीवन जी सकें।
--Advertisement--