महिला कर्मचारियों को मिलेगी पेड मासिक धर्म अवकाश, सरकार सभी सेक्टर्स में देने की तैयारी में
News India Live, Digital Desk: देशभर की महिला कर्मचारियों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी आ रही है! सरकार सभी क्षेत्रों में कार्यरत महिला कर्मचारियों के लिए 'पेड मासिक धर्म अवकाश' (Paid Menstrual Leave) को मंज़ूरी देने पर गंभीरता से विचार कर रही है. अगर यह नीति लागू होती है, तो यह देश में महिला सशक्तिकरण और उनके स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम होगा. इस फैसले से लाखों महिला कर्मचारियों को फायदा होगा, जिन्हें हर महीने मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द और असहजता के बावजूद काम करना पड़ता है.
क्या है 'पेड मासिक धर्म अवकाश' का प्रस्ताव?
इस प्रस्ताव के तहत, महिला कर्मचारियों को मासिक धर्म के दौरान होने वाली असुविधा और दर्द से राहत पाने के लिए सवैतनिक अवकाश (Paid Leave) मिल सकेगा. यानी, छुट्टी लेने पर उनकी सैलरी नहीं कटेगी. यह अवकाश सरकारी और निजी, दोनों ही क्षेत्रों की महिला कर्मचारियों पर लागू हो सकता है. यह विचार इसलिए आया है क्योंकि मासिक धर्म का दर्द कई महिलाओं के लिए इतना ज़्यादा होता है कि उन्हें सामान्य रूप से काम करने में मुश्किल होती है.
क्यों है यह फैसला महत्वपूर्ण?
- महिलाओं का स्वास्थ्य: यह महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देगा. मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द को अक्सर नज़रअंदाज़ किया जाता है, लेकिन यह कई महिलाओं के लिए गंभीर होता है.
- कार्यस्थल पर संवेदनशीलता: यह कार्यस्थलों पर मासिक धर्म से जुड़ी वर्जनाओं को तोड़ने और इसके प्रति अधिक संवेदनशीलता लाने में मदद करेगा.
- समानता और उत्पादकता: स्वस्थ कर्मचारी बेहतर काम कर सकते हैं. यह नीति महिलाओं को बेहतर महसूस करने पर लौटने और अधिक उत्पादक होने में मदद कर सकती है.
- वैश्विक रुझान: दुनिया के कई देशों और कुछ भारतीय राज्यों में पहले से ही इस तरह की नीति लागू है, जो दर्शाता है कि यह एक प्रगतिशील कदम है.
हालांकि, इस नीति को लागू करने में कुछ चुनौतियों पर भी विचार किया जा रहा है, जैसे इसका दुरुपयोग न हो और कार्यस्थल पर भेदभाव न बढ़े. लेकिन, कुल मिलाकर, यह कदम भारत में महिला कर्मचारियों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक सकारात्मक पहल है. उम्मीद है कि जल्द ही इस पर कोई अंतिम फैसला आएगा
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