Winter Heart Care : सर्दियों में दिल का रखना है खयाल? तो अर्जुन की छाल से बेहतर दोस्त कोई नहीं

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News India Live, Digital Desk : सर्दियों का मौसम आता है तो अपने साथ कई खुशियाँ और खाने-पीने का मजा लेकर आता है। लेकिन, जिन लोगों को दिल की बीमारी है या जिनका ब्लड प्रेशर (BP) ऊपर-नीचे होता रहता है, उनके लिए यह मौसम थोड़ा डर लेकर भी आता है। आपने अक्सर सुना होगा कि ठंड में हार्ट अटैक के मामले बढ़ जाते हैं। जानते हैं क्यों? क्योंकि ठंड में हमारी नसें सिकुड़ जाती हैं और खून को पंप करने में दिल को दोगुनी मेहनत करनी पड़ती है।

लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। हमारे आयुर्वेद के खजाने में एक ऐसी अनमोल चीज छिपी है, जो सदियों से इंसानी दिल की रक्षा करती आ रही है। वह है अर्जुन की छाल (Arjun Ki Chhaal)।

अगर आप इसे सिर्फ एक लकड़ी का टुकड़ा समझते हैं, तो आप गलती कर रहे हैं। यह एक कुदरती टॉनिक है। आइए, बिल्कुल आसान भाषा में समझते हैं कि सर्दियों में इसका इस्तेमाल कैसे आपकी जान बचा सकता है।

दिल के लिए 'अमृत' है ये छाल
अर्जुन के पेड़ की छाल को दिल की मांसपेशियों (Heart Muscles) के लिए किसी वरदान से कम नहीं माना जाता। अगर आपको जरा सा चलने पर सांस फूलने लगती है या सीढ़ियां चढ़ने में छाती में भारीपन लगता है, तो इसका मतलब है कि दिल कमजोर पड़ रहा है।
अर्जुन की छाल में ऐसे गुण होते हैं जो दिल की धड़कन को लय में रखते हैं और उसे मजबूती देते हैं। यह नसों में जमे हुए गंदे कोलेस्ट्रॉल (Bad Cholesterol) को पिघलाने में भी मदद करती है, जिससे खून का बहाव आसानी से होता रहता है।

सर्दियों वाली खांसी और सांस की तकलीफ
सिर्फ दिल ही नहीं, सर्दियों में बहुत से लोगों को पुरानी खांसी या सांस लेने में तकलीफ (Asthma जैसी स्थिति) सताती है। अर्जुन की छाल की तासीर ऐसी है जो फेफड़ों को ताकत देती है और बलगम को छाती में जमने नहीं देती। यानी "एक पंथ दो काज"—दिल भी फिट और फेफड़े भी।

कैसे करें इस्तेमाल? (बनाने का सही तरीका)
इसका स्वाद थोड़ा कसैला हो सकता है, लेकिन सेहत के लिए इतना तो किया ही जा सकता है। इसे लेने के दो सबसे आसान तरीके हैं:

  1. अर्जुन की चाय (सबसे लोकप्रिय):
    रात को सोने से पहले या सुबह नाश्ते में आप इसकी चाय बना सकते हैं। एक गिलास दूध में आधा चम्मच अर्जुन की छाल का पाउडर (बाजार में आसानी से मिलता है) और थोड़ी सी दालचीनी डालकर उबालें। जब दूध अच्छी तरह उबल जाए, तो उसे छानकर गुनगुना पिएं। यह आपकी रेगुलर चाय से लाख गुना बेहतर है।
  2. काढ़ा (पानी के साथ):
    जो लोग दूध नहीं पीते, वे इसे पानी में उबालकर काढ़े के रूप में पी सकते हैं। स्वाद के लिए इसमें थोड़ा गुड़ या शहद मिलाया जा सकता है।

हमारा सुझाव
दोस्तों, सेहत पैसे से नहीं खरीदी जा सकती, लेकिन उसे संभाला जरूर जा सकता है। 50-100 रुपये में मिलने वाली यह अर्जुन की छाल लाखों रुपये के अस्पताल के खर्च से आपको बचा सकती है। अगर आप पहले से हार्ट की दवाइयां ले रहे हैं, तो इसे शुरू करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से पूछ लें, बाकी कुदरत पर भरोसा रखें।

इस सर्दी, अपने दिल को 'अर्जुन' जैसी ताकत दें

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