पर्सनल लोन लेने जा रहे हैं? इन महंगे गलतियों से बचें, वरना EMI बनेगी बोझ!
अचानक पैसों की ज़रूरत आन पड़ी? कोई बात नहीं! आजकल फ़ोन पर कुछ बटन दबाते ही पर्सनल लोन आपके अकाउंट में आ जाता है। सुनने में कितना आसान लगता है, है न? लेकिन यही आसानी कई बार हमारे लिए एक महंगा जाल बन जाती है। अक्सर हम बैंक से आया हुआ 'प्री-अप्रूव्ड लोन' का मैसेज देखते हैं और बिना कुछ सोचे-समझे लोन ले लेते हैं। यहीं हम सबसे बड़ी गलती कर बैठते हैं।
पर्सनल लोन की ब्याज दरें बाकी लोन्स के मुकाबले काफी ज़्यादा होती हैं और हमारी एक छोटी सी चूक सालों का बोझ बन जाती है। असल में, मुश्किल लोन लेने में नहीं, बल्कि जल्दबाज़ी में लिए गए फ़ैसले में है। चलिए, उन आम ग़लतियों पर नज़र डालते हैं जो लोन लेते वक़्त लगभग हर कोई करता है।
1. "कम EMI" का चक्कर
ये सबसे आम जाल है। हमें लगता है कि जिस लोन की महीने की किस्त (EMI) कम है, वो सस्ता है। लेकिन ऐसा होता नहीं है। बैंक कम EMI दिखाने के लिए लोन चुकाने का समय (टेन्योर) बढ़ा देते हैं। किस्त भले ही छोटी लगे, लेकिन लंबे समय में आप बैंक को कई गुना ज़्यादा ब्याज भर चुके होते हैं।
इसे ऐसे समझिए: मान लीजिए आपने 3 लाख रुपये का लोन 12% ब्याज पर लिया। अगर आप 3 साल में इसे चुकाते हैं, तो आपको लगभग 60 हज़ार रुपये का ब्याज देना होगा। लेकिन अगर कम EMI के चक्कर में आपने 5 साल का ऑप्शन चुना, तो यही ब्याज 1 लाख रुपये के पार पहुँच जाएगा।
क्या करें? हमेशा लोन की कुल रकम देखें, सिर्फ़ EMI नहीं। अगर आपका बजट इजाज़त दे, तो हमेशा छोटा टेन्योर चुनें।
2. एक ही बैंक पर आँख बंद करके भरोसा करना
जिस बैंक में हमारा खाता होता है, हम उसी के ऑफ़र को सबसे अच्छा मान लेते हैं। ये हमारी दूसरी बड़ी भूल है। आज बाज़ार में ढेरों बैंक और NBFCs हैं। हो सकता है कोई दूसरा बैंक आपको 1-2% कम ब्याज पर लोन दे रहा हो। सुनने में ये 1-2% छोटा लगता है, लेकिन कुल लोन पर ये हज़ारों रुपये बचा सकता है।
सिर्फ़ ब्याज ही नहीं, प्रोसेसिंग फीस (1-3%), GST और दूसरे छुपे हुए चार्ज भी होते हैं। इसलिए, किसी एक ऑफ़र पर टिकने से पहले कम से कम 3-4 जगह से पता करें।
3. फीस और शर्तों को नज़रअंदाज़ करना
अक्सर हम लोन के एग्रीमेंट को पढ़े बिना ही साइन कर देते हैं। प्रोसेसिंग फीस, लेट पेमेंट की पेनल्टी और प्री-पेमेंट (समय से पहले लोन चुकाने) पर लगने वाले चार्ज जैसी ज़रूरी बातों पर हमारा ध्यान ही नहीं जाता।
सोचिए, 3 लाख के लोन पर अगर 2% प्रोसेसिंग फीस है, तो 6 हज़ार रुपये कटकर ही आपके हाथ में आएँगे। इन छोटी-छोटी शर्तों को न पढ़ना बाद में बहुत भारी पड़ता है।
4. बिना किसी प्लान के उधार लेना
लोन का पैसा जैसे ही अकाउंट में आता है, वो तुरंत ख़र्च हो जाता है। उस समय तो अच्छा लगता है, लेकिन असली बोझ तब महसूस होता है जब अगले महीने से EMI कटना शुरू होती है। बिना तैयारी के लोन लेने से आपका पूरा बजट बिगड़ सकता है।
हमेशा प्लान बनाकर चलें। EMI चुकाने के लिए ऑटो-डेबिट सेट करें और एक-दो EMI के बराबर पैसा हमेशा इमरजेंसी के लिए अलग रखें। याद रखें, एक भी EMI मिस होने पर आपका क्रेडिट स्कोर बुरी तरह गिर सकता है। लोन हमेशा ज़रूरत के लिए लें, अपनी इच्छाओं के लिए नहीं।
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