क्यों हर गृहिणी के लिए ITR फाइल करना है बेहद ज़रूरी? जानिए छिपे हुए फ़ायदे, जो आपकी लाइफ को बना देंगे स्मार्ट
दिल्ली, 9 अगस्त 2025: अक्सर गृहिणियों (Housewives) के मन में यह सवाल होता है कि जब वे कोई नौकरी या बिज़नेस नहीं कर रही हैं, तो इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) क्यों भरें? यह आम धारणा है कि ITR केवल उन्हीं के लिए है जिनकी आय टैक्सेबल लिमिट (Taxable Limit) से ज़्यादा हो। लेकिन, सच्चाई इससे कहीं बढ़कर है! वित्तीय जानकारों और सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार, यहां तक कि बिना आय वाली गृहिणियों के लिए भी ITR फाइल करना एक 'स्मार्ट' फ़ैसला हो सकता है, जिसके कई छुपे हुए फ़ायदे हैं। ये फ़ायदे आपकी आर्थिक स्वतंत्रता (Financial Independence) को बढ़ावा दे सकते हैं और आपके भविष्य को सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
क्यों भरना चाहिए ITR, भले ही कमाई ज़ीरो हो?
आम तौर पर, अगर किसी महिला की कुल आय (जैसे कि FD पर ब्याज, या प्रॉपर्टी से किराया, आदि) सालाना ₹2.5 लाख (पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत, 60 वर्ष से कम उम्र के लिए) से कम है, तो उन्हें ITR फाइल करना अनिवार्य नहीं है। लेकिन, "वॉलंटरी ITR फाइलिंग" (Voluntary ITR Filing) एक बेहतरीन तरीका है जिससे आप खुद के लिए कई वित्तीय रास्ते खोल सकती हैं। आइए जानते हैं इन ज़बरदस्त फ़ायदों के बारे में:
लोन (Loan) पाने में आसानी:
बिना ITR के लोन मिलना मुश्किल: जब आप किसी बैंक या वित्तीय संस्थान से होम लोन (Home Loan), कार लोन (Car Loan) या पर्सनल लोन (Personal Loan) के लिए अप्लाई करती हैं, तो वे आपकी आय और पुनर्भुगतान क्षमता (Repayment Capacity) का आकलन करते हैं।
ITR एक 'वित्तीय पासपोर्ट': भले ही आपकी आय कम हो या शून्य, ITR आपकी वित्तीय अनुशासितता (Financial Discipline) का एक मजबूत प्रमाण होता है। बैंक नियमित रूप से ITR फाइल करने वाले को एक विश्वसनीय ग्राहक मानते हैं, जिससे लोन अप्रूव (Loan Approval) होने की संभावना बढ़ जाती है। अगर आपने पिछले 2-3 सालों के ITR जमा किए हैं, भले ही वो 'ज़ीरो रिटर्न' (Zero Return) क्यों न हों, तो आपको संयुक्त लोन (Joint Loan) लेने या अपनी एलिजिबिलिटी (Eligibility) बढ़ाने में मदद मिलेगी।
वीज़ा (Visa) आवेदन में सहायक:
'इनकम प्रूफ' का पुख्ता जरिया: विदेश यात्रा के लिए वीज़ा (Visa) आवेदन करते समय, देशों के दूतावास (Embassy) आपकी आर्थिक स्थिरता का प्रमाण मांगते हैं। ITR, विशेषकर पिछले 2-3 सालों के, यह दर्शाता है कि आप अपनी यात्रा के खर्चों का वहन कर सकती हैं और आपकी अपने देश से मज़बूत वित्तीय जड़ें हैं।
विश्वसनीयता में इज़ाफ़ा: एक ITR आपको एक जिम्मेदार व्यक्ति के तौर पर पेश करता है, जो सरकारी नियमों का पालन करती है। यह न केवल वीज़ा अधिकारियों को आपकी आर्थिक स्थिति समझने में मदद करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि आप अपनी यात्रा के बाद अपने देश वापस लौट आएंगी।
TDS रिफंड (Refund) का दावा:
ब्याज पर TDS? अक्सर, अगर किसी हाउसवाइफ के नाम पर बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) या बचत खाता (Savings Account) होता है, और उस पर मिलने वाला ब्याज एक निश्चित सीमा (जैसे ₹40,000 या ₹50,000, आयु के अनुसार) से अधिक हो जाता है, तो बैंक TDS काट लेता है।
ITR से पाएं 'कमाई हुई' रकम वापस: अगर कुल आय पर कोई टैक्स नहीं बनता है, तो यह काटा गया TDS वापस पाने का एकमात्र तरीका ITR फाइल करना है। ITR में आप उस ब्याज आय को 'Income from Other Sources' के तहत दिखा सकती हैं और TDS के रूप में कटे हुए टैक्स का रिफंड क्लेम कर सकती हैं।
हानियों को आगे ले जाने का अवसर (Loss Carry Forward):
निवेश में नुकसान? अगर आपने शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड (Mutual Funds), या किसी प्रॉपर्टी में निवेश किया है और उसमें वित्तीय वर्ष में घाटा (Loss) हुआ है, तो ITR फाइल करना बहुत फायदेमंद होता है।
भविष्य का 'टैक्स बूस्टर': ITR में फाइल किए गए घाटे को अगले 7-8 वर्षों तक आगे ले जाया (Carry Forward) जा सकता है। इससे जब भी भविष्य में उन निवेशों से लाभ (Profit) होगा, तो आप उस लाभ के विरुद्ध पुराने घाटे को समायोजित (Adjust) करके टैक्स देनदारी (Tax Liability) को कम कर सकती हैं। यह एक दीर्घकालिक वित्तीय लाभ है, भले ही आपकी वर्तमान आय शून्य हो।
एड्रेस प्रूफ (Address Proof) और वित्तीय पहचान:
'मेरा पता, मेरी पहचान': ITR (विशेष रूप से ITR Assessment Order) को एक वैध एड्रेस प्रूफ (Address Proof) के रूप में स्वीकार किया जाता है, जिसे आप पासपोर्ट (Passport), आधार कार्ड (Aadhaar Card) जैसे सरकारी दस्तावेजों के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं।
विश्वसनीयता का प्रतीक: ITR फाइल करना आपको वित्तीय रूप से एक सक्रिय व्यक्ति के रूप में स्थापित करता है, जो आगे चलकर किसी भी वित्तीय लेनदेन या सरकारी प्रक्रिया में आपकी मदद कर सकता है।
महत्वपूर्ण सूचना:
ITR Form का चयन: गृहिणियों के लिए ITR-1 (Sahaj) सबसे उपयुक्त फॉर्म हो सकता है, बशर्ते आय ₹50 लाख से कम हो और आय के स्रोत ब्याज, किराया (एक घर से), या वेतन (यदि लागू हो) हों। अगर आय के स्रोत अधिक विविध हैं, जैसे कैपिटल गेन्स (Capital Gains) या एक से अधिक प्रॉपर्टी से किराया, तो ITR-2 का प्रयोग किया जा सकता है।
PAN और आधार: ITR फाइल करने के लिए PAN कार्ड (PAN Card) और आधार कार्ड (Aadhaar Card) अनिवार्य हैं।
समय सीमा: वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए ITR फाइल करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2025 तक बढ़ा दी गई है (जिन्हें ऑडिट की आवश्यकता नहीं है)।
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