सरकार और संगठन के बीच की दीवार कौन तोड़ेगा? यूपी बीजेपी के नए बॉस के लिए शर्तें हुई सख्त

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News India Live, Digital Desk : सबको पता है कि बीजेपी का नया प्रदेश अध्यक्ष आने वाला है, लेकिन वो "कौन" होगा, इस पर सस्पेंस बरकरार है। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) यूपी में अपनी रणनीति बदल रही है। और इस बदलाव के केंद्र में हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

खबरों की मानें तो इस बार सीएम योगी सिर्फ एक चेहरा नहीं, बल्कि एक मजबूत साझीदार (Partner) तलाश रहे हैं।

'सरकार' और 'संगठन' के बीच का पुल

पिछले कुछ समय में एक शिकायत बार-बार सामने आई सरकार और संगठन के बीच तालमेल की कमी। कार्यकर्ताओं को लगता था कि उनकी सुनवाई नहीं हो रही। अब सीएम योगी चाहते हैं कि नया अध्यक्ष ऐसा हो जो एक 'ब्रिज' (Bridge) की तरह काम करे।

मतलब साफ है एक ऐसा नेता जो कार्यकर्ताओं की नब्ज पहचानता हो, उनकी नाराजगी दूर कर सके और सरकार की योजनाओं को बिना किसी रुकावट के जनता तक पहुँचा सके। सिर्फ लखनऊ के पार्टी ऑफिस में बैठने वाला नेता अब नहीं चलेगा।

2027 की जंग के लिए 'फाइटर' की तलाश

बात सिर्फ आज की नहीं है, बात 2027 के विधानसभा चुनाव की है। विपक्ष (SP और Congress) आजकल काफी आक्रामक मूड में है। ऐसे में बीजेपी को एक ऐसा सेनापति चाहिए जो विपक्ष के हर वार का जवाब दे सके।

योगी जी की पसंद एक ऐसा नेता है जो:

  1. एग्रेसिव हो: जो विपक्ष को उन्हीं की भाषा में जवाब दे सके।
  2. सर्वमान्य हो: जो जातिगत समीकरणों (खासकर ओबीसी और दलित वोट बैंक) को साधने में माहिर हो।
  3. मेहनती हो: जो हेलीकॉप्टर से ज्यादा कार और पैदल दौरे करने में यकीन रखता हो।

दिल्ली और लखनऊ की रजामंदी

दिल्ली दरबार (केंद्रीय नेतृत्व) और लखनऊ (सीएम योगी) के बीच मंथन चल रहा है। कई नामों पर चर्चा हो रही है, जिनमें कुछ पुराने दिग्गज हैं तो कुछ चौंकाने वाले नए नाम भी हो सकते हैं। लेकिन एक बात तय है इस बार जो भी कुर्सी पर बैठेगा, उसके कंधों पर 2027 में 'कमल' खिलाने की भारी जिम्मेदारी होगी।

राजनीति के जानकार कहते हैं कि योगी आदित्यनाथ को एक "रबर स्टैम्प" नहीं, बल्कि एक ऐसा साथी चाहिए जो उनके कदम से कदम मिलाकर चल सके। अब देखना यह है कि वो 'परफेक्ट नेता' कब सामने आता है।

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