मानव शरीर का कौन सा अंग सिर्फ़ रात में ही फूल की तरह खिलता है? 99% लोग इसका जवाब ज़रूर जानते होंगे

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मानव शरीर के कई पहलू प्रकृति से मिलते-जुलते हैं। इसका एक उदाहरण कान है। कान के अंदर एक फूल के आकार का हिस्सा होता है जिसके बारे में कहा जाता है कि वह रात में खिलता या खुलता है। इसी वजह से ग्रामीण इलाकों में रात में कान साफ़ नहीं करने की सलाह दी जाती है।   

 

 

कान की नलिका साफ़ करनी चाहिए या नहीं, इस पर काफ़ी बहस होती है। कान की नलिकाएँ समस्याएँ पैदा कर सकती हैं। इसलिए लोग इन्हें किसी भी तरह साफ़ करने की कोशिश करते हैं। आइए इस रिपोर्ट में ऐसी ही कुछ उलझनों के जवाब जानें।  

 

 

कान साफ़ करना ज़रूरी नहीं है: कान खुद ही साफ़ हो जाते हैं। इसकी सफ़ाई के लिए किसी नियमित रखरखाव की ज़रूरत नहीं होती। अगर आप कान का मैल निकालने या उसे जमा होने से रोकने के लिए कान में स्वैब डाल रहे हैं, तो ऐसा करने से बचें। कान का मैल कान के अंदर से निकलता है और प्राकृतिक रूप से निकल जाता है। कुछ लोगों में, कान का मैल औसत से ज़्यादा होता है। लेकिन कुछ लोगों में, यह सामान्य से ज़्यादा सूखता है।  

 

 

कान का मैल साफ़ करना खतरनाक है: कान में रुई डालने से कान या कान के पर्दे को नुकसान पहुँच सकता है। ऐसा करने से मैल और भी अंदर चला जाता है। इसे निकालना मुश्किल हो सकता है। इससे कान में दबाव पड़ सकता है और सुनने की क्षमता कम हो सकती है।   

 

 

कान की सुरक्षा: कान का मैल एक अवरोधक के रूप में कार्य करता है। यह आपके कानों को वायरल, फंगल और बैक्टीरियल संक्रमणों से बचाता है। कान का मैल कीड़ों को दूर रखने में मदद करता है। साथ ही, कान में जमा मैल एक प्राकृतिक मॉइस्चराइज़र का काम करता है, जो कान के अंदर की त्वचा को ज़्यादा रूखा होने से बचाता है।

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