जब आपके 2 बच्चे थे तो आप इतनी बार होटल क्यों जाती थीं, बलात्कार का आरोप लगाने वाली महिला को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
The Supreme Court reprimanded the woman:भारत में बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों के लिए कानून बेहद सख्त हैं। अपराध साबित होने पर आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है। ये कानून महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। ऐसे में कुछ महिलाएं इस कानून का दुरुपयोग करती नज़र आती हैं। ऐसी ही एक घटना में सुप्रीम कोर्ट ने एक महिला को कड़ी फटकार लगाई है। आखिर क्या है ये मामला? आइए विस्तार से जानें।
एक महिला ने उस पर शादी का झूठा वादा करके यौन संबंध बनाने का आरोप लगाया था। मामला अदालत में गया। सुनवाई के दौरान अदालत ने संबंधित व्यक्ति की अग्रिम ज़मानत बरकरार रखी। साथ ही, अदालत ने संबंधित महिला को कड़े शब्दों में फटकार लगाई और उसके विवाहेतर संबंधों को लेकर गंभीर चेतावनी भी दी। न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति एन. कोटेश्वर सिंह की पीठ ने यह टिप्पणी की।
विवाहित रहते हुए किसी महिला का अपने पति के अलावा किसी अन्य पुरुष के साथ शारीरिक संबंध बनाना कानूनन अपराध हो सकता है। महिला की याचिका और आरोप महिला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया था कि,
महिला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि संबंधित व्यक्ति ने शादी का झांसा देकर उसके साथ यौन संबंध बनाए। उस व्यक्ति ने उसे धोखा दिया और उसका यौन शोषण किया। इसी आधार पर उसने उस व्यक्ति की अग्रिम ज़मानत रद्द करने की माँग की थी। हालाँकि, अदालत ने उसकी याचिका खारिज कर दी और उस व्यक्ति की ज़मानत बरकरार रखी।
अदालत ने महिला को चेतावनी दी
महिला के वकीलों ने अदालत में दलील दी कि वह और पुरुष कई बार एक होटल में मिले और उनके बीच शारीरिक संबंध बने। पीठ ने महिला को संबोधित करते हुए कहा, "आप एक विवाहित महिला हैं, आपके दो बच्चे हैं। आप वयस्क हैं और आप जानती हैं कि आपने विवाहेतर संबंध बनाकर कानून का उल्लंघन किया है।" अदालत ने आगे पूछा, "अगर आपको उसके इरादों पर शक था, तो आप उसके कहने पर बार-बार होटल क्यों गईं?" अदालत ने स्पष्ट किया कि उसका व्यवहार विवाहेतर संबंधों जैसा था, जिसे कानून के तहत अपराध माना जा सकता है।
मामले की पृष्ठभूमि
दोनों की मुलाकात 2016 में सोशल मीडिया के जरिए हुई थी। तब से वे रिलेशनशिप में हैं। महिला ने दावा किया कि उसने अपने पति को पुरुष की जिद और दबाव के कारण तलाक देने का फैसला किया। इस साल 6 मार्च को फैमिली कोर्ट ने तलाक मंजूर कर लिया। तलाक के बाद उसने पुरुष के सामने शादी का प्रस्ताव रखा, लेकिन उसने उसे ठुकरा दिया। इससे नाराज होकर महिला ने बिहार पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और पुरुष पर शादी का झूठा वादा करके उसका यौन शोषण करने का आरोप लगाया। कानूनी प्रक्रिया इस शिकायत के बाद बिहार के पटना हाईकोर्ट ने पुरुष को अग्रिम जमानत दे दी थी। इसके खिलाफ महिला ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी उसकी याचिका खारिज कर दी और पुरुष की जमानत बरकरार रखी।
विवाहेतर संबंधों पर टिप्पणी
अदालत ने इस मामले में महिला के आचरण पर सवाल उठाए और उसके विवाहेतर संबंधों पर कड़ी टिप्पणी की। इस मामले में, सर्वोच्च न्यायालय ने पुरुष की अग्रिम ज़मानत बरकरार रखते हुए महिला को उसके कृत्यों के प्रति कड़ी चेतावनी दी। अदालत ने स्पष्ट किया कि विवाहित होते हुए किसी अन्य व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाना कानून की दृष्टि से एक गंभीर अपराध हो सकता है। इस मामले ने एक बार फिर विवाहेतर संबंधों और उसके कानूनी परिणामों पर बहस छेड़ दी है।
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