सरकारी कर्मचारियों की सैलरी कब बढ़ेगी? 8वें वेतन आयोग पर आया सबसे बड़ा अपडेट!

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भारत के करोड़ों केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स हर सुबह एक ही उम्मीद के साथ उठते हैं - कि कब उनकी सैलरी और पेंशन में एक बड़ी बढ़ोतरी होगी, जो बढ़ती महंगाई से उन्हें कुछ राहत दे सके। और इस उम्मीद का दूसरा नाम है - 'आठवां वेतन आयोग' (8th Pay Commission)

हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग बनता है, जो कर्मचारियों की सैलरी, भत्ते और पेंशन की पूरी संरचना को समय के हिसाब से बदलता है। पिछला यानी 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था। इस हिसाब से अगला वेतन आयोग 2026 में लागू होना चाहिए, जिसके लिए तैयारी 2025 से ही शुरू हो जाने की उम्मीद है।

तो चलिए जानते हैं कि इसको लेकर ताज़ा हालात क्या हैं और कर्मचारी इससे क्या उम्मीदें लगा कर बैठे हैं।

क्या हैं 2025 को लेकर सबसे बड़ी उम्मीदें?

1. कितनी बढ़ सकती है न्यूनतम सैलरी? (Minimum Salary Hike)
यह सबसे बड़ा और सबसे ज़रूरी सवाल है। 7वें वेतन आयोग ने न्यूनतम सैलरी को ₹7,000 से बढ़ाकर ₹18,000 प्रति माह किया था। अब कर्मचारी संगठन यह मांग कर रहे हैं कि 8वें वेतन आयोग में न्यूनतम सैलरी को कम से कम ₹26,000 प्रति माह किया जाना चाहिए। अगर यह मांग मान ली जाती है, तो इससे निचले स्तर के कर्मचारियों की ज़िंदगी में एक बहुत बड़ा सकारात्मक बदलाव आएगा।

2. 'फिटमेंट फैक्टर' का नया जादू
यह एक ऐसा जादुई नंबर होता है जिससे आपकी बेसिक सैलरी को गुणा करके नई सैलरी तय की जाती है। 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 गुना था। यानी अगर आपकी पुरानी बेसिक सैलरी ₹10,000 थी, तो नई बेसिक सैलरी ₹25,700 हो गई। इस बार कर्मचारी संगठन मांग कर रहे हैं कि फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 3.68 गुना किया जाए। अगर ऐसा होता है, तो हर स्तर के कर्मचारी की सैलरी में एक ज़बरदस्त उछाल देखने को मिलेगा।

3. क्या 10 साल का इंतज़ार अब खत्म होगा?
एक चर्चा यह भी चल रही है कि सरकार शायद अब हर 10 साल पर वेतन आयोग बनाने की परंपरा को खत्म कर दे। इसकी जगह एक ऐसा नया ऑटोमेटिक सिस्टम लाया जा सकता है जिसमें कर्मचारियों की सैलरी महंगाई दर (DA) 50% से ज़्यादा होते ही अपने-आप रिवाइज हो जाए। अगर यह नियम लागू होता है, तो कर्मचारियों को अपनी सैलरी बढ़ाने के लिए 10 साल का लंबा इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा।

अभी सरकार का क्या कहना हैं?
हालांकि अभी तक सरकार ने आधिकारिक तौर पर 8वें वेतन आयोग के गठन का ऐलान नहीं किया है, लेकिन कर्मचारी संगठनों का दबाव और 2026 की समय-सीमा को देखते हुए यह तय माना जा रहा है कि 2025 में इस पर कोई बड़ा फैसला ज़रूर लिया जाएगा।

यह सिर्फ सैलरी बढ़ने की बात नहीं है, यह देश के उन लाखों कर्मचारियों के सम्मान की बात है जो देश की सेवा में अपना पूरा जीवन लगा देते हैं।

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