UP-West Bengal Expressway: पूर्वी भारत को जोड़ेगा विकास का नया हाईवे, किसानों और ग्रामीणों के लिए आएगी खुशहाली
UP-West Bengal Expressway: उत्तर प्रदेश से पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाला 610 किलोमीटर लंबा, 8 लेन शानदार एक्सप्रेसवे जल्द ही हकीकत बनने जा रहा है। बलिया (यूपी) से शुरू होकर यह मालदा (पश्चिम बंगाल) तक जाएगा, रास्ते में बिहार के कई प्रमुख जिलों से होकर गुजरेगा। इस प्रोजेक्ट की लागत 28,700 करोड़ रुपए आंकी गई है और इसे NHAI व केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय मिलकर बनाएंगे। आधुनिक तकनीकों जैसे ग्रीन कॉरिडोर, ईवी चार्जिंग स्टेशन, फ्लाईओवर, बाईपास और डिजिटल इंटरफेस से लैस यह हाईवे भारत के ईस्टर्न ज़ोन को नई पहचान देगा।
किन जिलों को मिलेगा सीधा फायदा?
इस एक्सप्रेसवे का सीधा जुड़ाव उत्तर प्रदेश के गाजीपुर, बलिया; बिहार के बक्सर, आरा, भभुआ, रोहतास, गया, नवादा, देवघर और पश्चिम बंगाल के मालदा जिले से है। इससे लाखों लोग बेहतर बुनियादी सुविधाओं, रोजगार और कारोबार के मौके से जुड़ सकेंगे।
किसानों को मिलेगा ऐतिहासिक मुनाफा
तीन राज्यों के गावों में जमीन अधिग्रहण के चलते किसानों को अपनी भूमि के दाम कई गुना ज्यादा मिल रहे हैं। जहाँ बीते दिनों तक जमीन का भाव 10–15 लाख/बीघा था, वहीं अब 60–90 लाख या शहरी इलाकों में 1 करोड़/बीघा तक पहुंच गया है। किसानों को मुआवजा सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर हो रहा है, साथ में पुनर्वास और विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है।
गांवों का कायाकल्प
एक्सप्रेसवे के आसपास लॉजिस्टिक्स हब, मिनी इंडस्ट्रियल जोन, पेट्रोल पंप, मोटल और वेयरहाउस जैसी नई सुविधाएं आएंगी, जिससे ग्रामीण इलाकों में निवेश बढ़ेगा। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और बिजली जैसी मूलभूत सेवाएं भी मजबूत होंगी—गांवों में लोगों को अपने ही क्षेत्र में रोजगार मिलने लगेगा, जिससे शहरों की ओर माइग्रेशन कम होगा।
यात्रियों और व्यापारियों के लिए कैसे बदलेगा सफर?
फिलहाल यूपी से बंगाल का यह सफर 14–15 घंटे में पूरा होता है, लेकिन यह एक्सप्रेसवे बनने के बाद महज़ 7–8 घंटों में यह दूरी तय की जा सकेगी। पूरी सड़क फास्ट टैग और ई-टोल कलेक्शन जैसी मॉडर्न टेक्नोलॉजी से लैस होगी। इससे ट्रांसपोर्टर्स, लोकल व्यापारी, किसान, छात्र और टूरिस्ट सभी का सफर आसान और तेज़ होगा।
ईस्टर्न इंडिया की इकोनॉमी को मिलेगा नया बूस्ट
यह प्रोजेक्ट पूर्वी भारत के Inland Corridor और Logistic Network को सशक्त बनाएगा। एग्रीकल्चर, टेक्सटाइल, कॉमर्स, MSME और स्टार्टअप सेक्टर को नई रफ्तार मिलेगी—दूर-दराज के नए गाँव और छोटे शहर भी व्यापार और इन्वेस्टमेंट के मेनस्ट्रीम में आ सकेंगे।
काम कब होगा शुरू और कब तक पूरी होगी सड़क?
2025 के मध्य से जमीन अधिग्रहण शुरू हो चुका है। 2026 की शुरुआत में एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू होने की संभावना है और 2029 में इसके पूरे होने का लक्ष्य रखा गया है। इसके चलते सीधे या अप्रत्यक्ष तौर पर एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
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