UP-बिहार-बंगाल वालों की हो गई बल्ले-बल्ले! अब 14 घंटे का सफर सिमट जाएगा सिर्फ 6 घंटे में
जो लोग अक्सर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से बिहार होते हुए पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक का लंबा और थकाऊ सफर करते हैं, उनके लिए एक ऐसी बड़ी खुशखबरी आई है जिसका वे सालों से सपना देख रहे थे। 12 से 14 घंटे का वो मुश्किल सफर अब जल्द ही सिर्फ 6 से 7 घंटे का रह जाने वाला है!
जी हां, यह संभव होने जा रहा है गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे से। यह सिर्फ एक सड़क नहीं, बल्कि तीन राज्यों (उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल) को जोड़ने वाली तरक्की की एक नई धमनी बनने जा रही है, जिस पर अब जल्द ही काम शुरू होने की उम्मीद है।
क्या है यह पूरा प्रोजेक्ट?
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) एक बिल्कुल नई, चमचमाती 6-लेन की सड़क बनाने जा रहा है जो उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से शुरू होगी, बिहार के कई जिलों (जैसे सीवान, छपरा, किशनगंज) से होकर गुजरेगी और सीधे पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी को जोड़ेगी।
यह एक ‘ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे’ है, जिसका मतलब है कि यह बिल्कुल नए सिरे से बनाया जा रहा है। इससे न सिर्फ सफर तेज होगा, बल्कि यह पूरी तरह से एक्सेस-कंट्रोल्ड होगा, यानी आपको रास्ते में कोई गांव-कस्बा या ट्रैफिक जाम परेशान नहीं करेगा।
आम आदमी को इससे क्या फायदा होगा?
- समय की भारी बचत: यह इसका सबसे बड़ा फायदा है। जो सफर आज पूरा दिन या रात ले लेता है, वह अब कुछ ही घंटों का खेल हो जाएगा।
- व्यापार और किसानों को फायदा: सोचिए, अब बिहार के किसानों की लीची या उत्तर प्रदेश की सब्जियां कितनी तेजी से बंगाल और पूर्वोत्तर के बाजारों तक पहुंच पाएंगी। इससे व्यापार को पंख लग जाएंगे।
- टूरिज्म को मिलेगा बूस्ट: अब दिल्ली या लखनऊ से दार्जिलिंग और सिक्किम घूमना बेहद आसान और तेज हो जाएगा। यह एक्सप्रेसवे सिलीगुड़ी तक पहुंचकर आपको सीधे पहाड़ों के गेटवे तक ले जाएगा।
- आरामदायक और सुरक्षित सफर: टूटी सड़कों और ट्रैफिक जाम से छुटकारा मिलेगा और आपका सफर पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित और आरामदायक हो जाएगा।
यह एक्सप्रेसवे सिर्फ तीन राज्यों को ही नहीं, बल्कि लाखों लोगों के सपनों को रफ्तार देने वाला है, और पूर्वांचल के विकास के नक्शे को हमेशा के लिए बदलने की ताकत रखता है।
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