United States : भारत-अमेरिका आर्थिक संबंधों में नई तेज़ी पीयूष गोयल ने बताया प्रगति का ब्योरा
News India Live, Digital Desk: भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों को नई ऊँचाइयों पर ले जाने की कवायद तेज़ी से आगे बढ़ रही है। हाल ही में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने इस बात की पुष्टि की है कि दोनों देशों के बीच एक व्यापक व्यापार समझौते को लेकर बातचीत बेहद सकारात्मक दिशा में प्रगति कर रही है। गोयल ने स्पष्ट किया कि हालांकि यह तुरंत कोई विस्तृत 'मुक्त व्यापार समझौता' (FTA) नहीं होगा, लेकिन यह 'आर्थिक और वाणिज्यिक सहयोग समझौते' के तौर पर काम करेगा, जो भविष्य में बड़े व्यापार समझौतों की नींव रखेगा। उनका मानना है कि यह समझौता दोनों देशों के लिए 'जीत-जीत' की स्थिति पैदा करेगा, जहाँ सभी को लाभ होगा।
मंत्री पीयूष गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि बातचीत में न केवल उत्पादों के आदान-प्रदान पर ध्यान दिया जा रहा है, बल्कि ऐसे क्षेत्रों की पहचान की जा रही है जहाँ भारत और अमेरिका मिलकर काम कर सकते हैं। विशेष रूप से फार्मास्युटिकल्स, चिकित्सा उपकरण (मेडिकल डिवाइसेस) और महत्वपूर्ण खनिजों (क्रिटिकल मिनरल्स) जैसे संवेदनशील और रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाएँ तलाशी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि इन मुद्दों पर लगातार और तीव्र गति से चर्चा चल रही है।
अपनी हालिया अमेरिका यात्रा के दौरान, पीयूष गोयल ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई और वाणिज्य सचिव जीना रायमंडो सहित कई वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात की। इन मुलाकातों में दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने और व्यापार को बढ़ावा देने पर सहमति बनी। गोयल ने उम्मीद जताई कि आगामी समय में भारत और अमेरिका के बीच कुल व्यापार कम से कम दोगुना या तिगुना हो जाएगा, जिससे दोनों अर्थव्यवस्थाओं को मजबूती मिलेगी।
वाणिज्य मंत्री ने इस बात को भी रेखांकित किया कि भारत का लक्ष्य 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनना है। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत वैश्विक मानकों और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दे रहा है। उन्होंने बताया कि भारतीय उद्योग को अपनी सोच बदलनी होगी और न केवल घरेलू बल्कि अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग पर भी जोर देना होगा ताकि वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा की जा सके। यह सब भारत-अमेरिका के बीच बन रहे मजबूत आर्थिक और वाणिज्यिक साझेदारी की ओर इशारा करता है, जो आने वाले समय में वैश्विक अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगी।nomic Partnership.
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