Treatment For Acidity : गैस, जलन, खट्टी डकारें? आपकी रसोई में रखी ये 3 मामूली चीज़ें हैं पेट की हर समस्या का रामबाण इलाज

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News India Live, Digital Desk:  Treatment For Acidity : आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी और हमारे खान-पान की गलत आदतों का सबसे पहला और सबसे बुरा असर हमारे पेट पर ही पड़ता है. थोड़ा सा तला-भुना या मसालेदार खाना खाते ही पेट में जलन, गैस, भारीपन और खट्टी डकारों की समस्या आम हो गई है. मेडिकल भाषा में इसे 'गैस्ट्राइटिस' कहते हैं, लेकिन आम बोलचाल में यह पेट की आग की तरह महसूस होती है जो हमारा चैन छीन लेती है.

हम में से ज़्यादातर लोग इस समस्या के लिए तुरंत कोई एंटासिड या दवा ले लेते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका सबसे सुरक्षित और असरदार इलाज आपके किचन में ही मौजूद है? आयुर्वेद, जो हज़ारों सालों से हमारी सेहत का ख्याल रखता आया है, बताता है कि हमारी रसोई में रखी कुछ मामूली सी चीज़ें पेट की इस आग को शांत करने में किसी दवा से कम नहीं हैं.

आइए जानते हैं उन तीन जादुई चीज़ों के बारे में जो आपको गैस्ट्राइटिस से तुरंत राहत दिला सकती हैं.

1. सोंठ (सूखा अदरक)

अदरक को पाचन के लिए अमृत माना गया है, और जब इसे सुखाकर सोंठ बना लिया जाता है तो इसके गुण और भी बढ़ जाते हैं. सोंठ में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो पेट की अंदरूनी सूजन को कम करते हैं और जलन से राहत दिलाते हैं.

  • कैसे इस्तेमाल करें: जब भी आपको पेट में जलन या भारीपन महसूस हो, तो बस एक गिलास गुनगुने पानी में एक चौथाई छोटा चम्मच सोंठ का पाउडर घोलकर पी लें. यह पेट के एसिड को शांत करता है और आपको तुरंत आराम महसूस होगा.

2. हींग (Asafoetida)

पेट में गैस बनने पर हमारी दादी-नानी सबसे पहले हींग का ही नाम लेती थीं. हींग सिर्फ दाल में तड़का लगाने के लिए नहीं है, यह गैस और पेट फूलने (ब्लोटिंग) की सबसे बेहतरीन आयुर्वेदिक दवाओं में से एक है. यह पेट दर्द से भी राहत दिलाने में बहुत कारगर है.

  • कैसे इस्तेमाल करें: एक चुटकी हींग को गुनगुने पानी में घोलकर पी लें. अगर स्वाद अच्छा न लगे, तो आप इसे अपनी दाल या सब्ज़ी में डालकर भी खा सकते हैं. यह पाचन क्रिया को सुधारकर गैस को बनने से ही रोकती है.

3. सेंधा नमक (Rock Salt)

हम जो रोज़ाना सफ़ेद नमक खाते हैं, वह एसिडिटी को बढ़ा सकता है. लेकिन सेंधा नमक, जिसे व्रत वाला नमक भी कहते हैं, की तासीर ठंडी होती है. यह पेट में जाकर जलन पैदा नहीं करता, बल्कि पेट के एसिड को संतुलित करने में मदद करता है. यह पाचन के लिए ज़रूरी एंजाइम को भी सक्रिय करता है.

  • कैसे इस्तेमाल करें: आप अपने रोज़ के खाने में सफ़ेद नमक की जगह सेंधा नमक का इस्तेमाल शुरू कर सकते हैं. सलाद या दही में इसे मिलाकर खाने से पाचन दुरुस्त रहता है और पेट में ठंडक बनी रहती है.

तो अगली बार जब भी पेट में जलन या गैस की समस्या सताए, तो दवा की गोली ढूंढने से पहले अपनी रसोई में जाकर इन तीन चीज़ों को ज़रूर आज़माएं. ये प्राकृतिक उपाय न सिर्फ आपको तुरंत राहत देंगे, बल्कि इनका कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं होता.

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