Tilkut Chauth 2026 : अंगारक योग में करें गणेश जी की विशेष पूजा, दूर होंगी हर बाधाएं

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News India Live, Digital Desk: साल 2026 का जनवरी महीना एक खास आध्यात्मिक शुरुआत लेकर आ रहा है, क्योंकि इस महीने पड़ने वाली तिल चतुर्थी एक बेहद ही शुभ और दुर्लभ संयोग के साथ आने वाली है. हम सभी जानते हैं कि चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित है, और इस दिन उनकी पूजा करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. इस बार, तिल चतुर्थी (जिसे तिलकुट चौथ या संकष्टी चतुर्थी भी कहते हैं) पर 'अंगारक योग' का निर्माण भी हो रहा है, जो इसे और भी ज़्यादा पवित्र बना रहा है.

तिल चतुर्थी का महत्व और तिथि:

तिल चतुर्थी माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है. इस दिन महिलाएं खास तौर पर व्रत रखती हैं और भगवान गणेश के साथ चंद्रमा की भी पूजा करती हैं. इस व्रत को संतान की लंबी उम्र, अच्छी सेहत और सुख-समृद्धि की कामना के लिए बहुत फलदायी माना जाता है. जो लोग निसंतान हैं, वे संतान प्राप्ति के लिए भी इस व्रत को बड़े श्रद्धाभाव से करते हैं. यह भी माना जाता है कि तिल चतुर्थी का व्रत करने से भगवान गणेश सारी बाधाओं को दूर कर देते हैं और भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं.

जनवरी 2026 में यह पवित्र तिथि शनिवार, 17 जनवरी को पड़ने वाली है. हालांकि चतुर्थी तिथि 17 जनवरी की रात 11 बजकर 22 मिनट से शुरू होकर 18 जनवरी की रात 8 बजकर 44 मिनट तक रहेगी, लेकिन उदया तिथि के अनुसार व्रत 18 जनवरी को रखा जाएगा. चंद्रमा की पूजा का खास समय रविवार, 18 जनवरी को रात 8 बजकर 49 मिनट पर होगा.

अंगारक योग का विशेष संयोग:

इस साल, तिल चतुर्थी के दिन अंगारक योग का अद्भुत संयोग भी बन रहा है. ज्योतिष शास्त्र में अंगारक योग को मंगल ग्रह से जुड़ा माना जाता है. कहा जाता है कि इस दौरान की गई भगवान गणेश की पूजा से विशेष फल मिलते हैं, और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. जो लोग मांगलिक दोष से परेशान हैं, वे इस दिन गणेश जी की पूजा करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं.

कैसे करें पूजा?

तिल चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें. फिर भगवान गणेश के सामने व्रत का संकल्प लें. दिन भर फलाहार करते हुए व्रत रखें. शाम के समय भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें और उनकी विधिवत पूजा करें. उन्हें दूर्वा, मोदक, लड्डू, फल और खासतौर पर 'तिलकुट' (तिल और गुड़ से बना प्रसाद) ज़रूर अर्पित करें. 'ॐ गं गणपतये नमः' मंत्र का जाप करें और संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करें, यह बेहद शुभ माना जाता है.

रात में चंद्रमा के दर्शन करें और उन्हें अर्घ्य देकर अपनी पूजा पूरी करें. इसके बाद ही व्रत का पारण करें. इस दिन दान-पुण्य करना भी बहुत अच्छा माना जाता है.

यह तिल चतुर्थी 2026 में अंगारक योग के साथ आने से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. तो अपनी सारी परेशानियों को दूर करने और सुख-समृद्धि पाने के लिए इस दिन भगवान गणेश की सच्ची श्रद्धा से पूजा करें!

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