Bundelkhand Expressway : UP का यह एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है स्टार्टअप हब, क्या है मास्टर प्लान?

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News India Live, Digital Desk: अक्सर जब स्टार्टअप या कंपनी खोलने की बात आती है, तो हमारे दिमाग में नोएडा, ग्रेटर नोएडा या लखनऊ का नाम आता है। लेकिन वहां जमीन इतनी महंगी हो चुकी है कि एक आम युवा उद्यमी (Young Entrepreneur) के लिए शुरुआत करना मुश्किल हो जाता है। इसी समस्या को समझते हुए यूपी की योगी सरकार ने एक 'गेम चेंजर' फैसला लिया है।

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे: अब सिर्फ सड़क नहीं, 'इकॉनोमिक कॉरिडोर' है

योगी सरकार ने तय किया है कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) को सिर्फ गाड़ियों के चलने का रास्ता नहीं, बल्कि "स्टार्टअप हब" बनाया जाएगा। इसका सीधा मतलब यह है कि अगर आप कोई फैक्ट्री, टेक कंपनी या मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाना चाहते हैं, तो यह इलाका आपके लिए 'गोल्डमाइन' साबित हो सकता है।

सरकार का प्लान क्या है?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर प्रदेश इंडस्ट्रियल एक्सप्रेसवेज डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEIDA) ने कमर कस ली है। प्लान एकदम साफ़ है:

  1. औद्योगिक गलियारा (Industrial Corridor): एक्सप्रेसवे के किनारे बड़े-बड़े इंडस्ट्रियल क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं। खासकर चित्रकूट और झाँसी जैसे जिलों में।
  2. सस्ती जमीन और सुविधाएं: सरकार स्टार्टअप्स को लुभाने के लिए यहाँ रियायती दरों पर जमीन (Land Allotment) देने की योजना बना रही है। साथ ही बिजली, पानी और वेयरहाउस जैसी सुविधाएं भी आसानी से उपलब्ध कराई जाएंगी।
  3. सोलर एनर्जी का हब: चूंकि बुंदेलखंड में धूप बहुत अच्छी आती है, इसलिए यह इलाका 'ग्रीन एनर्जी' या सोलर प्रोजेक्ट्स वाले स्टार्टअप्स के लिए स्वर्ग है। सरकार भी इस सेक्टर पर खास जोर दे रही है।

युवाओं के लिए क्यों है ये लॉटरी?

अगर आप दिल्ली या नोएडा में ऑफिस खोलते हैं, तो रेंट और मेंटेनेंस में ही सारा मुनाफा चला जाता है। लेकिन बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर आपको कम लागत में बड़ा स्पेस मिल सकता है। सबसे अच्छी बात यह है कि इस एक्सप्रेसवे के जरिए आप आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे से सीधे दिल्ली (Delhi-NCR) से जुड़े हुए हैं। यानी, माल ढुलाई या क्लाइंट्स तक पहुंचना मिनटों का काम है, लेकिन लागत गांव वाली है!

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