Third day of Navratri: चंद्रघंटा मां की आरती, मंत्र और पूजा विधि , जानें उनका रहस्य

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News India Live, Digital Desk: Third day of Navratri:  नवरात्रि आते ही मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की भक्ति में हम सब डूब जाते हैं. इन नौ दिनों का हर पल बड़ा खास होता है, और तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप, मां चंद्रघंटा की पूजा होती है. माँ चंद्रघंटा का नाम ही अपने आप में खास है, चंद्र मतलब चंद्रमा और घंटा यानी घंटी. उनका यह स्वरूप शांति और वीरता का अद्भुत मेल है. आज के दिन मां की पूजा कैसे करनी है, कौन सा रंग पहनना शुभ है और भोग में क्या चढ़ाना चाहिए, आइए सब विस्तार से जानते हैं!

कैसा है मां चंद्रघंटा का दिव्य स्वरूप?

मां चंद्रघंटा का रूप बेहद तेजस्वी और अलौकिक है. उनके मस्तक पर अर्धचंद्र घंटे के आकार में सुशोभित रहता है, जिसकी वजह से इन्हें 'चंद्रघंटा' कहा जाता है. इनकी सवारी सिंह है, जो शक्ति और निर्भयता का प्रतीक है. मां के दस हाथ हैं, जिनमें से हर हाथ में अलग-अलग अस्त्र-शस्त्र सुशोभित हैं, जैसे तलवार, धनुष-बाण, गदा आदि. उनका यह रूप हमें संदेश देता है कि माँ बुरी शक्तियों का नाश करने वाली और अपने भक्तों की रक्षा करने वाली हैं. उनके गले में सफेद कमल की माला और रुद्राक्ष माला है. उनका शरीर सोने जैसा चमकीला है, जो शुभता का प्रतीक है.

पूजा का शुभ रंग और प्रिय भोग:

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा में भूरा रंग (ब्राउन या सुनहरा) पहनना शुभ माना जाता है. यह रंग मां के तेजस्वी और संयमित स्वरूप को दर्शाता है. मां को दूध से बनी मिठाइयां, खीर या मिश्री का भोग लगाया जाता है. इससे मां प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर कृपा करती हैं.

पूजा विधि और आरती:

मां चंद्रघंटा की पूजा बहुत ही सरल विधि से की जाती है.

  1. सबसे पहले मां को स्नान कराएं और साफ कपड़े पहनाएं.
  2. इसके बाद उनके सामने दीपक जलाएं और अगरबत्ती लगाएं.
  3. मां को भूरा या सुनहरा वस्त्र और पुष्प चढ़ाएं. लाल गुड़हल का फूल उन्हें बेहद प्रिय है.
  4. मां को दूध, खीर या मिश्री का भोग लगाएं.
  5. इसके बाद मां के मंत्रों का जाप करें और फिर उनकी आरती गाएं.

मां चंद्रघंटा का ध्यान मंत्र:
पिंडजप्रवरारुढ़ा चंडकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघंटेति विश्रुता।।

मां चंद्रघंटा की आरती:

जय माँ चंद्रघंटा सुख धाम।
पूर्ण करो मेरे सब काम।

चंद्र समान तुम शीतल दाती।
चंद्र तेज किरणों से भराती।

क्रोध को शांति देने वाली।
सर्व दुखों को हरने वाली।

भय से करती सब का कल्याण।
मन की सारी इच्छा देती।

अन्न धन के भर देती भंडार।
दया करें मेरी अंबे मैया।

शत्रु दल पर चढ़े जैसे घोड्डा।
शेरनी सी मां देती हुंकार।

सब भक्तों की तुम हो आधार।
दूर करे भव भय माँ मेरी।

चरणों में लीन सब प्राणी तेरे।
दुःख और रोग से बचा लो मुझको।

अज्ञानी को ज्ञान का वर दे।
रोग से मुझे मुक्त कर मां।

सारे दोषों से मुक्ति दिला दे।
मेरी मैया चंद्रघंटा, मां तुम हो सदा सहाय।
तेरा गुणगान हमेशा ही करे जय जयकार।।

पूजा से मिलने वाले लाभ:
मां चंद्रघंटा की पूजा करने से व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास बढ़ता है. मन शांत होता है और अनजाने भय से मुक्ति मिलती है. माना जाता है कि माँ की कृपा से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और दुश्मनों पर विजय प्राप्त होती है. इनकी पूजा से दांपत्य जीवन में सुख-शांति भी आती है. तो इस नवरात्रि माँ चंद्रघंटा की आराधना करें और उनका आशीर्वाद पाएं

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