दुनिया ने ली राहत की सांस! अमेरिका-चीन में बनी बात, अब नहीं लगेगा 100% टैरिफ, जल्द होगा बड़ा समझौता

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दुनिया के दो सबसे बड़े दुश्मन, अमेरिका और चीन के बीच चल रही तनातनी अब खत्म होने की कगार पर है। वैश्विक बाजारों के लिए सबसे बड़ी राहत की खबर यह है कि दोनों देशों के बीच महीनों से चल रहा 'ट्रेड वॉर' जल्द ही थम सकता है। मलेशिया में दो दिनों तक चली उच्च-स्तरीय बातचीत के बाद, अमेरिका और चीन इस बात पर सहमत हो गए हैं कि वे कई विवादित मुद्दों को सुलझाने के लिए तैयार हैं। इस सफलता ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच एक अंतिम समझौते का रास्ता लगभग साफ कर दिया है।

टल गया 100% टैरिफ का सबसे बड़ा खतरा

इस बैठक से जो सबसे बड़ी खुशखबरी निकलकर आई है, वह यह है कि चीनी सामानों पर 100% टैरिफ लगाने की राष्ट्रपति ट्रंप की धमकी अब ठंडे बस्ते में चली गई है। अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने साफ कहा कि यह खतरा "प्रभावी रूप से टल गया है।"

एक चीनी अधिकारी ने भी पुष्टि की कि दोनों पक्ष एक्सपोर्ट कंट्रोल, फेंटेनाइल (एक तरह का ड्रग) और शिपिंग पर लगने वाले टैक्स जैसे अहम मुद्दों पर शुरुआती सहमति बनाने में कामयाब रहे हैं। अमेरिका को यह भी उम्मीद है कि चीन अब बड़ी मात्रा में सोयाबीन की खरीद करेगा और 'रेयर अर्थ मिनरल्स' (जो इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने में इस्तेमाल होते हैं) पर अपना नियंत्रण कम करेगा।

अब नज़रें ट्रंप और जिनपिंग की मुलाकात पर

अब पूरी दुनिया की निगाहें गुरुवार को होने वाली डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग की मुलाकात पर टिकी हुई हैं। सत्ता में वापसी के बाद यह दोनों नेताओं की पहली आमने-सामने की बैठक होगी, जिसमें एक व्यापक समझौते पर मुहर लगने की पूरी उम्मीद है। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर ने कहा, "हमारी बातचीत का एक मुख्य मकसद रेयर अर्थ मिनरल्स पर लगे प्रतिबंधों को टालना था, और मुझे लगता है कि हम इस लक्ष्य की ओर बहुत अच्छी प्रगति कर रहे हैं।"

खुद राष्ट्रपति ट्रंप ने भी सकारात्मक संकेत देते हुए कहा कि उन्हें चीन के साथ "एक अच्छी डील" होने की उम्मीद है और उनका मानना है कि "हमारे पास एक बहुत व्यापक सौदा करने का वास्तव में अच्छा मौका है।"

अगर यह समझौता हो जाता है, तो इससे दोनों देशों के बीच चल रहा टैरिफ युद्ध पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा। इस खबर से दुनिया भर के बाजारों में उत्साह का माहौल है, लेकिन सभी बेसब्री से अंतिम समझौते पर हस्ताक्षर होने का इंतजार कर रहे हैं।

 

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