उर्स 2025 की आहट और प्रशासन का हंटर अजमेर दरगाह के आसपास गरजा बुलडोजर, हड़कंप मच गया

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News India Live, Digital Desk : हम सभी जानते हैं कि अजमेर शरीफ (Ajmer Sharif) में ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स दुनिया भर में मशहूर है। 2025 में होने वाले 813वें उर्स (Urs 2025) की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं, प्रशासन ने अपनी कमर कस ली है। लाखों जायरीन (श्रद्धालु) देश-दुनिया से यहां माथा टेकने आएंगे, लेकिन भीड़ के इस सैलाब को संभालने के लिए सबसे जरूरी है रास्ता साफ़ होना।

इसी को ध्यान में रखते हुए, अजमेर प्रशासन ने दरगाह इलाके में अतिक्रमण (Illegal Encroachment) के खिलाफ एक बड़ा 'सफाई अभियान' शुरू किया है, जिससे दुकानदारों में हड़कंप मच गया है।

अचानक पहुंचा बुलडोजर और पुलिस फोर्स

शनिवार की सुबह दरगाह बाज़ार का नज़ारा कुछ अलग ही था। आम तौर पर जहाँ भीड़भाड़ और ठेले वालों का कब्ज़ा रहता है, वहां अचानक नगर निगम का पीला पंजा (Bulldozer) और भारी पुलिस फोर्स दिखाई दी।

प्रशासन की टीम ने उन दुकानदारों पर कार्रवाई की, जिन्होंने अपनी दुकानों के शटर से 5-5 फीट बाहर तक सामान फैला रखा था। इसके अलावा, जो अवैध ठेले और गुमटियां रास्तों को जाम कर रही थीं, उन्हें बिना किसी देरी के हटा दिया गया।
जेसीबी मशीन (JCB) को देखते ही अतिक्रमण करने वालों के हाथ-पांव फूल गए। कुछ ने खुद ही अपना सामान समेटना शुरू कर दिया, तो जो नहीं माने, उनका सामान जब्त कर लिया गया।

क्यों जरूरी है ये सख्ती?

शायद कुछ लोगों को यह कार्रवाई सख्त लग रही हो, लेकिन उर्स के दौरान हालात संभालने के लिए यह बहुत जरूरी है।
अजमेर की गलियां वैसे ही तंग हैं। उस पर अगर दुकानदार सड़क घेरकर बैठ जाएं, तो जब लाखों की भीड़ आती है, तो पैर रखने की जगह नहीं मिलती। भगदड़ जैसी स्थिति न बने और जायरीन सुकून से जियारत कर सकें, इसलिए दरगाह कमेटी और पुलिस प्रशासन पहले से ही "ज़ीरो टॉलरेंस" के मूड में है।

चेतावनी: सुधर जाएं वरना फिर आएंगे!

नगर निगम के अधिकारियों ने साफ़ शब्दों में चेतावनी दी है कि यह सिर्फ एक दिन की कार्रवाई नहीं है। उर्स तक यह अभियान चलता रहेगा।
उनका संदेश स्पष्ट है"मेहमानों (जायरीनों) का स्वागत दिल से कीजिये, लेकिन सड़क घेरकर नहीं।"
खासकर उन रास्तों को क्लियर किया जा रहा है जहाँ से मुख्य जुलूस या चादरें निकलती हैं।

दुकानदारों को समझना होगा कि धार्मिक नगरी की साख अच्छी व्यवस्था से बनती है, जाम से नहीं। अगर आप भी उर्स में जाने का प्लान बना रहे हैं, तो इस बार शायद आपको खुली सड़कें देखने को मिलें। प्रशासन की यह पहल वाकई सराहनीय है, बस उम्मीद है कि अतिक्रमण दोबारा अपनी जगह न बना ले।

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