गरुड़ पुराण का रहस्य सिर्फ पूजा-पाठ नहीं, ऐसा बच्चा पाने के लिए अपनाएं ये 5 बातें
News India Live, Digital Desk: हर माता-पिता का सपना होता है कि उनकी संतान संस्कारी हो, भाग्यशाली हो और समाज में अपना नाम रोशन करे. इसके लिए लोग तरह-तरह के प्रयास करते हैं. भारतीय संस्कृति और शास्त्रों में ऐसे ही कई महत्वपूर्ण उपाय और नियम बताए गए हैं, जिनमें से एक है गरुड़ पुराण. अक्सर लोग गरुड़ पुराण को मृत्यु के बाद की बातों से जोड़ते हैं, लेकिन यह सिर्फ इतना ही नहीं है, इसमें एक श्रेष्ठ और गुणवान संतान की प्राप्ति के लिए भी बहुत सी अनमोल बातें बताई गई हैं.
गरुड़ पुराण कहता है कि माता-पिता के अच्छे कर्म, उनकी सोच और गर्भधारण के समय का वातावरण बच्चे के संस्कारों और उसके भविष्य पर बहुत गहरा असर डालता है. अगर आप भी एक भाग्यशाली और नेक दिल संतान चाहते हैं, तो गरुड़ पुराण के इन खास नियमों और आदतों को अपनाना बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है:
- पवित्र मन और वातावरण:
गरुड़ पुराण के अनुसार, संतान की कामना करने वाले दंपत्ति को सबसे पहले अपने मन और आसपास के वातावरण को शुद्ध रखना चाहिए. मन में किसी भी प्रकार का गलत विचार, क्रोध, ईर्ष्या या द्वेष नहीं होना चाहिए. सकारात्मक और शांतिपूर्ण माहौल बच्चे के भीतर भी वैसे ही संस्कार पैदा करता है. घर में धार्मिक किताबें पढ़ें, भजन-कीर्तन करें और सात्विक जीवन जिएं. - गरुड़ पुराण का श्रवण:
जो लोग चाहते हैं कि उनकी संतान भाग्यशाली और धर्मपरायण हो, उन्हें गर्भधारण के पूर्व या गर्भावस्था के दौरान नियमित रूप से गरुड़ पुराण का श्रवण करना चाहिए या उसके कुछ महत्वपूर्ण अध्यायों का पाठ करना चाहिए. माना जाता है कि इसकी शिक्षाएं सीधे गर्भस्थ शिशु तक पहुँचती हैं और उसे नेक मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं. - अच्छे विचार और व्यवहार:
गरुड़ पुराण कहता है कि गर्भवती महिला को हमेशा अच्छे और सकारात्मक विचारों में रहना चाहिए. उन्हें ऐसी बातें सुननी और पढ़नी चाहिए जिनसे मन को शांति और प्रसन्नता मिले. किसी से झगड़ा करना या नकारात्मक बातचीत में शामिल होना शिशु के मानसिक विकास को प्रभावित कर सकता है. पति को भी पत्नी को हर तरह से सहयोग देना चाहिए और घर का माहौल खुशनुमा बनाए रखना चाहिए. - सात्विक भोजन और शुद्धता:
शारीरिक शुद्धता के साथ-साथ खानपान का भी बहुत महत्व बताया गया है. दंपत्ति को हमेशा सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए, जिसमें फल, सब्जियां, दालें और दूध जैसे पौष्टिक पदार्थ शामिल हों. मांसाहार, शराब और ऐसी चीज़ों से बचना चाहिए जिनसे शरीर और मन अशुद्ध होते हों. यह शुद्धता न केवल शरीर के लिए अच्छी होती है बल्कि आत्मा की पवित्रता में भी मदद करती है. - संतान गोपाल मंत्र का जाप:
अगर आप एक गुणवान और स्वस्थ संतान की कामना करते हैं, तो नियमित रूप से संतान गोपाल मंत्र का जाप करना बहुत लाभकारी बताया गया है. भगवान कृष्ण को समर्पित यह मंत्र संतान सुख और उसकी अच्छी प्रगति के लिए बहुत शक्तिशाली माना जाता है. इसका जाप श्रद्धापूर्वक करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.
ये गरुड़ पुराण के वो नियम हैं जो सिर्फ एक स्वस्थ बच्चा नहीं, बल्कि एक गुणी, भाग्यशाली और संस्कारी संतान पाने में आपकी मदद कर सकते हैं. याद रखिए, बच्चे का पहला स्कूल उसका घर और पहले शिक्षक उसके माता-पिता होते हैं!
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