पुरखों की ज़मीन पर है कब्ज़ा या चल रहा है केस? योगी सरकार का यह एक फैसला आपकी सारी टेंशन ख़त्म कर देगा

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"ये मेड़ मेरी है, तुम्हारी ज़मीन यहीं तक है..." दादा-परदादा के ज़माने की ज़मीन को लेकर ऐसे झगड़े उत्तर प्रदेश के हर गाँव की कहानी है। भाइयों में, पड़ोसियों में, पीढ़ी-दर-पीढ़ी ये विवाद चलते रहते हैं और मामला सालों-साल कोर्ट-कचहरी में अटका रहता है। इन झगड़ों की सबसे बड़ी जड़ होती है पुराना, असली नक्शा, जो 'चकबंदी' से पहले का हो और जिससे यह साफ़ हो सके कि असल में किस खेत की सीमा कहाँ तक थी।

अभी तक यह पुराना नक्शा हासिल करना टेढ़ी खीर के बराबर था। लोगों को तहसील से लेकर ज़िला मुख्यालय तक के चक्कर काटने पड़ते थे, बाबुओं की मिन्नतें करनी पड़ती थीं, लेकिन फिर भी नक्शा नहीं मिलता था। इसी एक काग़ज़ के टुकड़े के बिना हज़ारों केस कोर्ट में धूल फांक रहे थे।

लेकिन अब यूपी की योगी सरकार ने इस सबसे बड़ी परेशानी का एक सीधा और सरल समाधान निकाल दिया है।

क्या है सरकार का बड़ा फैसला?

राजस्व परिषद (Revenue Council) ने एक ऐतिहासिक आदेश जारी किया है, जिससे प्रदेश के लाखों लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। अब कोई भी व्यक्ति अपनी पैतृक यानी पुरखों की ज़मीन का चकबंदी से पहले का नक्शा आसानी से हासिल कर सकता है।

राजस्व परिषद के अध्यक्ष हेमंत राव ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों (DM) को यह निर्देश भेजा है कि वे अपने-अपने जिले के रिकॉर्ड रूम (ज़िला अभिलेखागार) से इन पुराने नक्शों की सर्टिफाइड कॉपी लोगों को उपलब्ध कराएँ।

कैसे मिलेगा यह पुराना नक्शा?

अब आपको पुराने नक्शे के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। प्रक्रिया को बेहद आसान कर दिया गया है:

  1. आपको बस अपने जिले के रिकॉर्ड रूम (ज़िला अभिलेखागार) में एक साधारण सा आवेदन देना होगा।
  2. आवेदन में आपको अपनी ज़मीन की जानकारी देनी होगी।
  3. इसके बाद आपको उस पुराने नक्शे की एक सर्टिफाइड यानी प्रमाणित कॉपी मिल जाएगी, जिसे आप कोर्ट में या किसी भी सरकारी काम में सबूत के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं।

क्यों है यह फैसला इतना ज़रूरी?

यह सिर्फ़ एक काग़ज़ का टुकड़ा नहीं है, बल्कि न्याय की कुंजी है। इस एक फ़ैसले से:

  • कोर्ट में ज़मीन के कब्ज़े और सीमा विवाद से जुड़े हज़ारों मुक़दमे तेज़ी से निपटेंगे
  • भाई-भाई और पट्टीदारों के बीच सालों से चले आ रहे विवाद ख़त्म होंगे
  • ज़मीनों की ख़रीद-फ़रोख़्त में धोखाधड़ी कम होगी
  • आम आदमी को बाबुओं के चक्कर काटने से मुक्ति मिलेगी

यह क़दम योगी सरकार के उन प्रशासनिक सुधारों का हिस्सा है, जो सीधे तौर पर आम आदमी की ज़िंदगी को आसान बनाने का काम कर रहे हैं।

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