आ गया त्योहारों का राजा! नोट कर लीजिए धनतेरस, दिवाली और भाई दूज की सही तारीख, ताकि चूक न जाए कोई शुभ मुहूर्त
साल भर हम जिन छुट्टियों और खुशियों का इंतजार करते हैं, वो समय अब बस आने ही वाला है। हवा में हल्की ठंडक, बाजारों में बढ़ती रौनक और दिलों में बढ़ता उत्साह... ये इस बात का संकेत है कि रोशनी और उमंग का त्योहार, दिवाली, बस दहलीज पर खड़ा है।
यह सिर्फ एक दिन का त्योहार नहीं, बल्कि पांच दिनों का एक लंबा उत्सव है जो रिश्तों में नई मिठास और जिंदगी में नई रोशनी घोल देता है। हर दिन का अपना एक अलग महत्व और अपनी एक अलग कहानी है।
तो अपनी तैयारियों को शुरू करने से पहले, डायरी में इन तारीखों को नोट कर लीजिए, ताकि पूजा से लेकर खरीदारी तक, सब कुछ सही समय पर हो।
दिवाली 2025 का पूरा कैलेंडर: धनतेरस से भाई दूज तक
पहला दिन: धनतेरस (बुधवार, 29 अक्टूबर 2025)
- क्या है खास: यहीं से दिवाली के जश्न की असल शुरुआत होती है। इस दिन घर में कोई नया बर्तन, सोना या चांदी खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। यह दिन स्वास्थ्य के देवता धन्वंतरि को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन की गई खरीदारी घर में सुख और समृद्धि लाती है।
दूसरा दिन: छोटी दिवाली / नरक चतुर्दशी (गुरुवार, 30 अक्टूबर 2025)
- क्या है खास: इसे 'छोटी दिवाली' भी कहते हैं। इस दिन घर के कोने-कोने को साफ करके शाम को आंगन में एक दीपक जलाया जाता है, जिसे ‘यम का दीया’ कहते हैं। यह दीपक परिवार की अच्छी सेहत और अकाल मृत्यु से रक्षा के लिए जलाया जाता है।
तीसरा दिन: दिवाली / लक्ष्मी पूजन (शुक्रवार, 31 अक्टूबर 2025)
- क्या है खास: यह इस उत्सव का मुख्य दिन है। इस दिन चारों तरफ दीपों की रोशनी और पटाखों का शोर होता है। शाम को शुभ मुहूर्त में धन और समृद्धि की देवी माँ लक्ष्मी और बुद्धि के देवता भगवान गणेश की पूजा की जाती है। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है।
चौथा दिन: गोवर्धन पूजा / अन्नकूट (शनिवार, 1 नवंबर 2025)
- क्या है खास: इस दिन भगवान कृष्ण की उस लीला को याद किया जाता है जब उन्होंने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर ब्रजवासियों की इंद्र के प्रकोप से रक्षा की थी। इस दिन घरों में गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर उसकी पूजा की जाती है और भगवान को 56 तरह के पकवानों (अन्नकूट) का भोग लगाया जाता है।
पांचवां दिन: भाई दूज (रविवार, 2 नवंबर 2025)
- क्या है खास: यह त्योहार भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को समर्पित है। इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसकी लंबी उम्र और सफलता की कामना करती हैं, और भाई अपनी बहन को उपहार देकर उसकी रक्षा का वचन देता है।
तो, इन तारीखों के हिसाब से अपनी छुट्टियों और उत्सव की योजना बनाना शुरू कर दीजिए, क्योंकि यह साल का वो सबसे खूबसूरत समय है जिसका इंतजार हम सभी को होता है।
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