Adani Group को झटका? सबसे भरोसेमंद साथी LIC ने घटा दी अपनी हिस्सेदारी, बेच डाले 3.89 करोड़ शेयर

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News India Live, Digital Desk : शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले और LIC (Life Insurance Corporation) के पॉलिसी होल्डर्स के लिए आज एक बड़ी खबर है। अक्सर हम सुनते हैं कि एलआईसी ने अदानी ग्रुप में निवेश किया है, लेकिन इस बार खबर थोड़ी अलग है। देश की सबसे बड़ी सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी ने अदानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (Adani Energy Solutions Limited) में अपनी हिस्सेदारी कम कर दी है।

यह खबर बाजार में आते ही चर्चा का विषय बन गई है। लोग सोच रहे हैं कि आखिर एलआईसी जैसा बड़ा निवेशक अपने कदम पीछे क्यों खींच रहा है? आइए, आसान भाषा में समझते हैं पूरा मामला।

कितने शेयर बेचे गए?

शेयर बाजारों को दी गई जानकारी (Regulatory Filing) के मुताबिक, LIC ने अदानी एनर्जी सॉल्यूशंस के करीब 3.89 करोड़ शेयर बेच दिए हैं। यह कोई छोटा-मोटा नंबर नहीं है। इसे अगर प्रतिशत में देखें, तो कंपनी में LIC की हिस्सेदारी पहले 3.68% थी, जो अब घटकर 3% रह गई है।

यह कब हुआ?

ऐसा नहीं है कि LIC ने ये सारे शेयर एक ही दिन में बेच दिए। यह बिक्री "ओपन मार्केट" (Open Market) के जरिए एक लंबी अवधि में की गई है। रिपोर्ट बताती है कि एलआईसी ने 18 जुलाई 2024 से लेकर 10 दिसंबर 2025 के बीच इन शेयरों की बिक्री की है। यानी धीरे-धीरे करके कंपनी ने अपना एक्सपोजर कम किया है।

क्यों लिया गया यह फैसला?

बाजार के जानकारों का मानना है कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है जिसे 'प्रॉफिट बुकिंग' (Profit Booking) या पोर्टफोलियो बैलेंसिंग कहते हैं। शेयर का दाम बढ़ने पर बड़े निवेशक अक्सर कुछ हिस्सा बेचकर मुनाफा कमा लेते हैं।

हालांकि, ध्यान देने वाली बात यह भी है कि अदानी एनर्जी सॉल्यूशंस का शेयर पिछले कुछ समय से दबाव में था। खासकर अमेरिका में गौतम अदानी पर लगे कथित रिश्वत के आरोपों (Bribery Charges Indictment) की खबरों के बाद शेयर का भाव काफी गिरा था। ऐसे माहौल में LIC का अपनी हिस्सेदारी घटाना निवेशकों को सतर्क रहने का इशारा भी हो सकता है।

आम निवेशक क्या करें?

शुक्रवार को जब यह खबर आई, तो अदानी एनर्जी का शेयर थोड़ा गिरकर कारोबार कर रहा था। अगर आपने भी अदानी के शेयर्स में पैसा लगाया है, तो पैनिक (Panic) करने के बजाय कंपनी के फंडामेंटल्स पर नजर रखें। बड़े निवेशक खरीदते और बेचते रहते हैं, लेकिन छोटे निवेशकों को सोच-समझकर ही कदम उठाना चाहिए।

फिलहाल, LIC के पास अभी भी इस कंपनी में 3% हिस्सेदारी है, जिसका मतलब है कि उनका भरोसा पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, बस थोड़ा कम जरूर हुआ है।

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