शहरों में FMCG की मांग ने पकड़ी रफ्तार: HUL, ITC, Nestle और Dabur के ताजा आंकड़े क्या बताते हैं?
जून 2025 तिमाही में भारतीय FMCG सेक्टर को शहरों से राहत की खबर मिली है। कई महीनों की सुस्ती के बाद अब शहरी मांग में फिर से तेजी देखी जा रही है। CEOs और सेक्टर एक्सपर्ट्स का कहना है कि मैक्रो-इकोनॉमिक सुधार, खाने-पीने की चीजों में कम महंगाई और नीतिगत उपायों के चलते पूरे वित्त वर्ष में यह ट्रेंड मजबूत रहेगा।
किन कंपनियों ने दिखाई मजबूती?
HUL:
Q1 में वॉल्यूम ग्रोथ 4% रही, जो कि FY24-25 के मुकाबले दोगुनी है। कंपनी की रणनीति ब्रांडिंग और प्रोमोशन में निवेश बढ़ाने की है, जिससे आने वाले साल में ग्रोथ बरकरार रखने का इरादा है।
ITC:
Q1 में non-cigarette FMCG सेगमेंट में 5.5% y-o-y ग्रोथ, notebooks को छोड़कर शेष FMCG बिजनेस में 8.2% y-o-y। कंपनी ने शहरी मांग में सुधार के शुरुआती संकेतों का जिक्र किया, हालांकि ग्रामीण क्षेत्र अब भी आगे है।
Nestle India:
शहरी बाज़ार में डिमांड में बड़ी बढ़ोतरी, Q1 रेवेन्यू में 6% y-o-y इज़ाफा, हालांकि मुनाफा 13.4% गिरा (commodities महंगे होने और ऑपरेटिंग कॉस्ट बढ़ने से)।
Dabur India:
CEO मोहित मल्होत्रा के अनुसार, शहरी मार्केट में सुधार लगातार जारी है—हालांकि ग्रोथ रूरल से स्लो है। अनसीजनल बारिश ने Q1 में बेवरेज और ग्लूकोज़ प्रोडक्ट्स की बिक्री पर असर डाला, पर वाइड प्रोडक्ट पोर्टफोलियो ने शॉक को कम किया।
सेक्टर एनालिसिस और रुझान
Numerator (Kantar) के डेटा के अनुसार:
जून 2025 तक के 12 महीनों में FMCG सेक्टर की ग्रोथ घटकर 3.9% रही, पिछले साल थी 5.7%।
इस साल food & beverages और home care प्रोडक्ट्स की ग्रोथ 3.9%, जबकि personal care की ग्रोथ 4.4% रही।
अप्रैल-जून 2025 की तिमाही में ग्रोथ और गिरकर 3.6% रही (पिछले वर्ष इसी तिमाही में 4.8% थी)। इसका बड़ा कारण था मौसम में बदलाव—जल्दी आई बारिश की वजह से cold drinks और talcum powder जैसे गर्मियों के उत्पादों की सेल्स कम रही।
कंपनियां बाजार में टिके रहने के लिए दामों में कटौती, BOGO (Buy One Get One) ऑफर्स और प्रमोशनल स्पेंड्स बढ़ा रही हैं।
त्योहारी सीजन से उम्मीदें
ऑपरेटिंग हाई कॉस्ट और अनविडित मौसम के बावजूद सेक्टर एक्सपर्ट्स का मानना है कि फेस्टिव सीज़न (सितंबर-दिसंबर) में शहरी और ग्रामीण—दोनों इलाकों में मांग में तेज़ उछाल देखने को मिल सकता है। उपभोक्ता इस दौरान खरीदारी को प्राथमिकता देते हैं और मार्केटिंग एक्टिविटी भी अपने चरम पर होती है।
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