देश की बेटी का गोल्डन पंच! जैस्मिन लैंबोरिया ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर रचा इतिहास
भारत के लिए आज एक ऐतिहासिक और गर्व का दिन है. भारतीय मुक्केबाजी की दुनिया में एक नया सितारा चमका है, जिसका नाम है जैस्मिन लैंबोरिया. जैस्मिन ने वो कर दिखाया है जो आज तक कोई भारतीय महिला बॉक्सर नहीं कर पाई थी. उन्होंने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा लिया है.
यह सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों की उम्मीदों और एक खिलाड़ी की सालों की मेहनत का नतीजा है.
फाइनल में दिखाया दम, दुनिया को किया ढेर
अस्ताना में चल रही वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में जब जैस्मिन रिंग में उतरीं, तो पूरे देश की निगाहें उन पर टिकी थीं. 60 किलोग्राम भार वर्ग के इस खिताबी मुकाबले में उनका सामना स्विट्जरलैंड की मजबूत बॉक्सर आंद्रेइना लोला से था. मुकाबला बेहद कड़ा था, लेकिन जैस्मिन के आत्मविश्वास और उनके दमदार पंचों के आगे स्विस बॉक्सर टिक नहीं पाईं.
जैस्मिन ने पूरे मैच में शानदार डिफेंस और आक्रामक खेल का प्रदर्शन किया. उन्होंने 5-0 के एकतरफा फैसले से यह मुकाबला जीतकर तिरंगे की शान को और बढ़ा दिया. इस जीत के साथ ही पूरा स्टेडियम 'इंडिया-इंडिया' के नारों से गूंज उठा.
वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला
यह जीत इसलिए भी खास है क्योंकि जैस्मिन वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के 60 किग्रा भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज बन गई हैं. आज तक मैरी कॉम जैसी दिग्गज बॉक्सर्स ने भी इस भार वर्ग में यह कारनामा नहीं किया था. इस ऐतिहासिक जीत ने जैस्मिन को रातों-रात पूरे देश का हीरो बना दिया है.
कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीत चुकी जैस्मिन ने इस बार सोने पर निशाना साधा और उसे हासिल करके ही दम लिया. उनकी यह सफलता देश की उन लाखों बेटियों के लिए प्रेरणा बनेगी जो खेलों में अपना करियर बनाने का सपना देखती हैं.
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