बादलों ने छिपा लिया करवा चौथ का चांद? घबराएं नहीं, इन 3 तरीकों से पूरा होगा आपका व्रत
Karwa Chauth 2025: सुबह की सरगी से लेकर रात के चांद के इंतजार तक, यह दिन हर सुहागिन के लिए प्रेम और त्याग का सबसे बड़ा प्रतीक होता है। पूरे दिन का निर्जला व्रत रखने के बाद, बस उस एक पल का इंतजार होता है, जब आसमान में चांद का दीदार हो, अर्घ्य दिया जाए और पति के हाथ से पानी पीकर दिन भर की तपस्या पूरी हो।
लेकिन सोचिए, अगर उस सबसे अहम पल में ही मौसम दगा दे जाए? आसमान में घने बादल छा जाएं और चांद दिखे ही नहीं, तो क्या होगा? क्या पूरे दिन की पूजा और व्रत अधूरा रह जाएगा?
इस दुविधा और चिंता में पड़ने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। हमारे शास्त्रों और परंपराओं में ऐसी हर स्थिति के लिए बहुत ही सुंदर और सरल समाधान बताए गए हैं। अगर आपके साथ भी कभी ऐसा हो, तो आप इन तरीकों से अपना व्रत पूरे सम्मान और विधि के साथ पूरा कर सकती हैं।
1. भगवान शिव की शरण में जाएं
यह सबसे उत्तम और अचूक उपाय है। याद रखिए, भगवान शिव को ‘चंद्रशेखर’ भी कहा जाता है, यानी वो जिन्होंने चंद्रमा को अपने मस्तक पर धारण किया है।
- क्या करें: अगर चांद नजर न आए, तो आप अपने पूजा घर में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें। भगवान शिव की तस्वीर या मूर्ति में उनके शीश पर विराजमान चंद्रमा के दर्शन करें और उन्हीं को अर्घ्य दें। यह ठीक वैसा ही फल देगा जैसा असली चंद्रमा के दर्शन करने से मिलता है।
2. मन की आंखों से करें दर्शन
ईश्वर और प्रकृति भाव के भूखे हैं। अगर कोई चीज आंखों से नहीं दिख रही, तो इसका मतलब यह नहीं कि वो वहां है ही नहीं।
- क्या करें: पंचांग या इंटरनेट से अपने शहर में चांद निकलने का सही समय (चंद्रोदय का समय) पता कर लें। ठीक उसी समय, जिस दिशा से चांद निकलता है, उस ओर मुख करके खड़े हो जाएं। अब मन में चंद्रमा का ध्यान करें और पूरी श्रद्धा के साथ उन्हें प्रणाम करते हुए अर्घ्य दें। आपकी पूजा स्वीकार होगी।
3. चावल से बनाएं अपना ‘चांद’
यह भी एक बहुत पुरानी और प्रचलित परंपरा है।
- क्या करें: एक थाली में अक्षत (साबुत चावल) रखकर उसे चंद्रमा का प्रतीक मान लें। या फिर आप एक चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाकर, उस पर चावल से चंद्रमा की आकृति बना सकती हैं। अब इसी को चंद्रमा मानकर पूरे विधि-विधान से पूजा करें और अर्घ्य दें।
आखिरी और सबसे जरूरी बात
याद रखिए, करवा चौथ का व्रत आपकी श्रद्धा, आपके प्रेम और आपकी नीयत पर टिका है। परिस्थितियां कैसी भी हों, अगर आपका भाव सच्चा है, तो आपकी पूजा कभी अधूरी नहीं रह सकती। इन उपायों को अपनाकर आप बिना किसी चिंता के अपना व्रत पूरा कर सकती हैं।
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