टैक्स रिफंड में देरी का कड़वा सच जितना लेट, उतना ज्यादा फायदा जानिए कैसे?
News India Live, Digital Desk: यह बिल्कुल सच है। पिछले कुछ दिनों में कई टैक्सपेयर्स ने नोटिस किया कि उनका इनकम टैक्स रिफंड (Income Tax Refund) आने में थोड़ी देरी हुई। लोग परेशान थे, सोशल मीडिया पर पूछ रहे थे कि "भाई, पैसा कब आएगा?" लेकिन जब मैसेज आया और उन्होंने रकम देखी, तो वो हैरान रह गए। रिफंड की रकम उम्मीद से थोड़ी ज्यादा थी।
देर आए, दुरुस्त (और ज्यादा) आए!
दरअसल, इनकम टैक्स का एक नियम है जो आम जनता के बहुत काम का है। अगर आपने अपना ITR समय पर दाखिल कर दिया है, लेकिन इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) की तरफ से रिफंड भेजने में देरी होती है, तो विभाग को आपको ब्याज (Interest) देना पड़ता है।
इसे ऐसे समझिये जैसे अगर हम टैक्स भरने में लेट होते हैं तो सरकार हमसे जुर्माना लेती है, ठीक वैसे ही अगर सरकार हमारा पैसा लौटाने में लेट होती है, तो वो हमें ब्याज देती है। इसे सेक्शन 244A कहते हैं।
कितना मिलता है एक्स्ट्रा पैसा?
गणित बहुत सीधा है। अगर आपका रिफंड बनता है और विभाग उसे प्रोसेस करने में वक्त लगाता है, तो आपको 0.5% प्रति महीना यानी 6% सालाना की दर से ब्याज मिलता है।
अब जरा सोचिए, आजकल सेविंग्स अकाउंट (Savings Account) में मुश्किल से 3 या 4% ब्याज मिलता है। लेकिन यहाँ आपका पैसा 6% की दर से बढ़ रहा है। तो अगर आपका रिफंड दो-तीन महीने लेट हुआ, तो समझिए आपको फ्री में एक छोटा सा 'बोनस' मिल गया।
लेकिन एक शर्त है...
यह फायदा सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलता है जिन्होंने अपनी तरफ से कोई गलती नहीं की हो। यानी:
- आपने रिटर्न अंतिम तारीख (Due Date) से पहले भरा हो।
- देरी विभाग की तरफ से हो रही हो, न कि आपकी तरफ से (जैसे बैंक डिटेल्स गलत होना या वेरिफिकेशन न करना)।
चेक कैसे करें?
जब आपके पास रिफंड का मैसेज आए या ईमेल आए, तो उसे ध्यान से देखियेगा। उसमें लिखा होता है कि आपकी रिफंड राशि कितनी थी और उस पर 'Interest u/s 244A' कितना जुड़ा है।
तो अगली बार अगर रिफंड आने में हफ्ता-दस दिन की देरी हो जाए, तो पैनिक मत कीजिये। बस मुस्कुराइए और सोचिए कि “मीटर चालू है, ब्याज जुड़ रहा है!”
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