UP में प्रॉपर्टी खरीदने वालों को सबसे बड़ा झटका! रातों-रात 50% तक महंगी हुई जमीन, योगी सरकार ने बढ़ाए सर्किल रेट

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उत्तर प्रदेश में अपना घर या जमीन खरीदने का सपना देख रहे लाखों लोगों के लिए एक बड़ी और जेब पर भारी पड़ने वाली खबर है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश के कई शहरों में जमीन के सर्किल रेट (Circle Rate) में 50 प्रतिशत तक की भारी बढ़ोतरी कर दी है। इस फैसले के लागू होते ही, राज्य में जमीन और प्रॉपर्टी खरीदना अब पहले से कहीं ज़्यादा महंगा हो गया है।

यह बढ़ोतरी विशेष रूप से उन इलाकों में की गई है जहां हाल के वर्षों में एक्सप्रेसवे, एयरपोर्ट, और मेट्रो जैसे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के कारण विकास की रफ्तार तेज हुई है। सरकार का तर्क है कि यह कदम जमीन की वास्तविक बाजार कीमतों और सरकारी दरों के बीच के भारी अंतर को कम करने के लिए ज़रूरी था। लेकिन इस फैसले ने घर खरीदारों और रियल एस्टेट डेवलपर्स, दोनों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है।

 

सबसे पहले समझें: क्या होता है 'सर्किल रेट'?

'सर्किल रेट' को 'सरकारी रेट' या 'न्यूनतम मूल्यांकन मूल्य' भी कहा जाता है।

  • यह किसी भी इलाके में जमीन या प्रॉपर्टी का वह न्यूनतम मूल्य (Minimum Value) होता है जिसे राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है।
  • जब भी आप कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो आपको स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क इसी सर्किल रेट के आधार पर चुकाना पड़ता है, भले ही आपने प्रॉपर्टी उससे कम या ज़्यादा कीमत पर खरीदी हो।
  • सरल शब्दों में, सरकार सर्किल रेट से कम कीमत पर किसी भी प्रॉपर्टी के सौदे को मान्यता नहीं देती है।

 

किन इलाकों में हुई है सबसे ज्यादा बढ़ोतरी और क्यों?

सर्किल रेट में यह बढ़ोतरी पूरे प्रदेश में एक समान नहीं ਹੈ। इसे चुनिंदा और हाई-डिमांड वाले इलाकों में लागू किया गया ਹੈ।

  • सबसे ज्यादा असर:
    • एक्सप्रेसवे के किनारे: यमुना एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, और गंगा एक्सप्रेसवे के आसपास के इलाकों में सर्किल रेट सबसे ज़्यादा बढ़े ہیں।
    • एयरपोर्ट के पास: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर), अयोध्या, और कुशीनगर एयरपोर्ट के आसपास की जमीनों के रेट में आग लग गई है।
    • मेट्रो कॉरिडोर: जिन शहरों में मेट्रो का विस्तार हो रहा है, जैसे कि आगरा, कानपुर, और नोएडा, वहां मेट्रो रूट के आसपास के इलाकों में भी भारी बढ़ोतरी की गई है।
    • धार्मिक और पर्यटन केंद्र: अयोध्या और वाराणसी जैसे धार्मिक नगरों में भी जमीन की कीमतें आसमान छू रही हैं।

बढ़ोतरी का कारण: सरकार का मानना ਹੈ कि इन इलाकों में सरकारी विकास कार्यों के कारण जमीन की बाजार कीमत (Market Price) उसके सरकारी रेट (सर्किल रेट) से कई गुना ज़्यादा हो गई थी। इससे सरकार को स्टाम्प ड्यूटी के रूप में राजस्व का भारी नुकसान हो रहा था। इस बढ़ोतरी से अब बाजार और सरकारी दरों के बीच का फासला कम होगा।

 

आम आदमी की जेब पर कितना पड़ेगा असर? - एक उदाहरण से समझें

आइए एक उदाहरण से समझते हैं कि इस 50% की बढ़ोतरी का आपकी जेब पर कितना सीधा असर पड़ेगा।

मान लीजिए, आप एक ऐसे इलाके में 1000 वर्ग फुट का एक प्लॉट खरीद रहे हैं जहां:

  • पुराना सर्किल रेट: ₹20,000 प्रति वर्ग मीटर था।
  • प्रॉपर्टी का कुल सरकारी मूल्य: 1000 sq ft (approx 93 sq m) x ₹20,000 = ₹18.60 लाख
  • पुरानी स्टाम्प ड्यूटी (लगभग 7%): ₹18,60,000  का 7% = ₹1,30,200

अब, सरकार نے सर्किल रेट 50% बढ़ा दिया:

  • नया सर्किल रेट: ₹20,000 + (50% of ₹20,000) = ₹30,000 प्रति वर्ग मीटर
  • प्रॉपर्टी का नया कुल सरकारी मूल्य: 93 sq m x ₹30,000 = ₹27.90  लाख
  • नई स्टाम्प ड्यूटी (7%): ₹27.90 लाख का 7% = ₹1,95,300

सीधा असर: सर्किल रेट बढ़ने से आपको उसी प्लॉट को खरीदने के लिए ₹65,100 की अतिरिक्त स्टाम्प ड्यूटी चुकानी होगी! इसके अलावा, प्रॉपर्टी की बाजार कीमत भी इसी अनुपात में बढ़ जाएगी।

 

रियल एस्टेट बाजार और घर खरीदारों पर क्या होगा प्रभाव?

  • घर खरीदारों के लिए: मध्यम वर्ग के लिए अब अपना घर खरीदना और भी मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि न केवल प्रॉपर्टी की कुल कीमत बढ़ेगी, बल्कि होम लोन की ज़रूरत भी बढ़ेगी।
  • रियल एस्टेट डेवलपर्स: डेवलपर्स के लिए भी प्रोजेक्ट की लागत बढ़ जाएगी, जिसका बोझ वे अंततः ग्राहकों पर ही डालेंगे। इससे रियल एस्टेट बाजार में कुछ समय के लिए सुस्ती आ सकती है।
  • सरकार के लिए: सरकार के राजस्व (Revenue) में भारी वृद्धि होगी, जिसका उपयोग वह आगे विकास कार्यों के लिए कर सकती है।

यह फैसला एक दोधारी तलवार की तरह ਹੈ। जहां एक तरफ यह सरकार के खजाने को भरेगा, वहीं दूसरी तरफ यह आम आदमी के अपने घर के सपने को और भी महंगा बना देगा।

 

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