राजमहल में सबसे बड़ा तख्तापलट भाई ने ही भाई को निकाला, अब सड़क पर आएंगे प्रिंस एंड्रयू?

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News India Live, Digital Desk : ब्रिटेन के शाही परिवार के बंद दरवाजों के पीछे एक ऐसा तूफान चल रहा है, जिसने पूरे राजघराने को हिलाकर रख दिया है। राजा ने अपने ही भाई को 'देश निकाला' दे दिया है। जी हां, किंग चार्ल्स III (King Charles III) ने अपने छोटे भाई, प्रिंस एंड्रयू (Prince Andrew) को शाही जिंदगी से पूरी तरह बेदखल करने का फरमान सुना दिया है। उन पर लगे यौन शोषण के 'कलंक' के चलते अब उनसे न केवल उनकी बची-खुची शाही उपाधियां छीनी जा रही हैं, बल्कि उन्हें उनके आलीशान महल से भी बाहर निकाला जा रहा है।

यह कहानी है शाही बुलंदी से बदनामी के गर्त में गिरने की। यह कहानी है एक ऐसे राजकुमार की, जिसकी एक 'गलत दोस्ती' ने उससे उसका सबकुछ छीन लिया।

क्यों हुई यह बड़ी कार्रवाई?

इस पूरे विवाद की जड़ है प्रिंस एंड्रयू का नाम कुख्यात अमेरिकी फाइनेंसर और यौन अपराधी जेफरी एपस्टीन (Jeffrey Epstein) के साथ जुड़ना। एपस्टीन पर लड़कियों की तस्करी और यौन शोषण के बेहद गंभीर आरोप थे, और उसने जेल में ही आत्महत्या कर ली थी।

इसी कांड में, वर्जीनिया गिफ्रे (Virginia Giuffre) नाम की एक महिला ने प्रिंस एंड्रयू पर यह सनसनीखेज आरोप लगाया था कि जब वह सिर्फ 17 साल की थीं, तब एपस्टीन ने उन्हें प्रिंस के साथ यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया था। इस मामले ने ब्रिटिश राजघराने पर एक ऐसा दाग लगाया, जिसे मिटाने की कोशिशें आज भी जारी हैं।

हालांकि, प्रिंस एंड्रयू ने इस मामले में कोर्ट के बाहर ही वर्जीनिया के साथ करोड़ों रुपये का समझौता कर लिया था, लेकिन वह अपनी छवि पर लगे इस दाग को धो नहीं पाए।

भाई का 'कठोर' फैसला: न महल, न सम्मान

किंग चार्ल्स, जो अपनी मां महारानी एलिजाबेथ के निधन के बाद राजा बने हैं, शाही परिवार की छवि को लेकर कोई भी समझौता करने के मूड में नहीं हैं। उन्होंने साफ कर दिया है कि प्रिंस एंड्रयू अब शाही परिवार के किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम या जीवन का हिस्सा नहीं होंगे।

  • छिना आलीशान महल: एंड्रयू को उनके 30 कमरों वाले आलीशान घर 'रॉयल लॉज' (Royal Lodge) को खाली करने का आदेश दिया गया है। यह वही घर है जहां वह अपनी पूर्व पत्नी सारा फर्ग्यूसन के साथ रहते हैं।
  • सारी उपाधियां खत्म: इससे पहले महारानी एलिजाबेथ ने भी एंड्रयू से उनकी सैन्य उपाधियां और शाही संरक्षण छीन लिए थे। अब किंग चार्ल्स ने उन्हें शाही जीवन से पूरी तरह से 'निष्कासित' कर दिया है।
  • भविष्य में कोई भूमिका नहीं: अब यह लगभग तय है कि प्रिंस एंड्रयू कभी भी शाही परिवार के एक कामकाजी सदस्य (Working Royal) के रूप में वापसी नहीं कर पाएंगे।

एक राजा का कर्तव्य vs भाई का प्यार

किंग चार्ल्स का यह फैसला दिखाता है कि उनके लिए 'क्राउन' यानी ताज की प्रतिष्ठा अपने भाई के साथ रिश्ते से कहीं बढ़कर है। वह दुनिया को यह संदेश देना चाहते हैं कि शाही परिवार में किसी भी तरह के दाग या विवाद की कोई जगह नहीं है, चाहे वह उनका अपना सगा भाई ही क्यों न हो। एक समय में रानी के सबसे पसंदीदा बेटे कहे जाने वाले प्रिंस एंड्रयू की जिंदगी आज बदनामी, गुमनामी और अनिश्चितता के अंधेरे में डूब चुकी है।

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