राघोपुर से तेजस्वी यादव ने भरा नामांकन, बिहार चुनाव में गरजे लालू के लाल, हैट्रिक पर नजर

Post

News India Live, Digital Desk: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की गहमागहमी लगातार बढ़ती जा रही है, और इसी चुनावी दंगल में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के कद्दावर नेता और युवा दिलों की धड़कन तेजस्वी यादव ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. उन्होंने हमेशा की तरह अपनी पारंपरिक राघोपुर विधानसभा सीट से चुनावी ताल ठोकी है. यह सीट वैशाली जिले में आती है और पिछले दो बार से लगातार तेजस्वी इस सीट पर जीत का परचम लहराते आए हैं. इस बार उनकी नजर जीत की हैट्रिक पर है!

लालू के गढ़ राघोपुर से तेजस्वी की हुंकार:

वैशाली जिले का राघोपुर क्षेत्र, जो दशकों से लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार का मजबूत गढ़ रहा है, एक बार फिर चुनावी रंग में रंगा नजर आ रहा है. तेजस्वी यादव ने मंगलवार, 15 अक्टूबर, 2025 को राघोपुर विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. इस दौरान उनके साथ आरजेडी के कई दिग्गज नेता और हजारों समर्थक मौजूद थे. तेजस्वी यादव के नामांकन से चुनावी पारा और चढ़ गया है.

राघोपुर सीट पर तेजस्वी का लगातार तीसरा मुकाबला होगा. वह 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में इस सीट से बड़े अंतर से जीत चुके हैं. इस सीट को 'लालू परिवार का पारंपरिक किला' माना जाता है, जहां के मतदाताओं ने हमेशा आरजेडी के नेतृत्व पर भरोसा जताया है. तेजस्वी का यह नामांकन पत्र बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों का एक अहम हिस्सा है.

परिवार के सदस्यों ने दिया आशीर्वाद:

नामांकन दाखिल करने से पहले, तेजस्वी यादव ने अपने माता-पिता, लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया. आरजेडी की राजनीति में हमेशा से 'परिवार की भूमिका' अहम रही है और यह क्षण परिवार की एकजुटता को दर्शाता है. राघोपुर विधानसभा चुनाव तेजस्वी के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.

राबड़ी देवी की ऐतिहासिक सीट:

राघोपुर सीट का इतिहास लालू परिवार से गहराई से जुड़ा हुआ है. राबड़ी देवी इस सीट से दो बार मुख्यमंत्री बनने से पहले विधायक रही हैं. बाद में, लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के पुत्र के रूप में तेजस्वी ने इस विरासत को आगे बढ़ाया और इस सीट से खुद को एक मजबूत दावेदार साबित किया. यह 'राघोपुर विधानसभा सीट का महत्व' हमेशा से ही बिहार की राजनीति में बड़ा रहा है.

विपक्ष को तेजस्वी की चुनौती:

तेजस्वी यादव का राघोपुर से नामांकन भरना न सिर्फ उनकी व्यक्तिगत मजबूत दावेदारी को दिखाता है, बल्कि बिहार में महागठबंधन (MahaGathbandhan) के नेतृत्व की मजबूती को भी दर्शाता है. वे लगातार नीतीश सरकार को घेरते आए हैं और बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर सरकार को चुनौती दे रहे हैं. अब इस चुनाव में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या तेजस्वी राघोपुर से जीत की हैट्रिक लगा पाते हैं और 'बिहार में अपनी युवा नेता' की छवि को और मजबूत कर पाते हैं या नहीं. यह 'बिहार विधानसभा चुनाव' का सबसे बड़ा हाईलाइट होगा.

--Advertisement--

--Advertisement--