Statue of Nataraja in the house: वास्तु के नियमों का रखें विशेष ध्यान तभी मिलेगी महादेव की कृपा
News India Live, Digital Desk: Statue of Nataraja in the house: भारतीय संस्कृति में भगवान शिव का नटराज स्वरूप नृत्य, कला और ब्रह्मांडीय शक्ति का एक अनूठा प्रतीक माना जाता है। यह स्वरूप सृष्टि के निर्माण, संरक्षण और संहार के त्रिमूर्ति भाव को दर्शाता है। जहाँ नटराज की प्रतिमा को अक्सर घरों में सौंदर्य, कलात्मकता और आध्यात्मिकता के लिए स्थापित किया जाता है, वहीं वास्तु शास्त्र के अनुसार, इसे घर में रखने से पहले कुछ विशेष नियमों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन नियमों की अनदेखी करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा के बजाय नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकते हैं।
सबसे पहले यह समझना ज़रूरी है कि नटराज भगवान शिव का तांडव रूप है, जो तीव्र ऊर्जा और विनाश को भी दर्शाता है। इसलिए, वास्तु यह सुझाव देता है कि इसे बहुत सोच-समझकर रखना चाहिए ताकि घर की शांति भंग न हो। कुछ ऐसी जगहें हैं जहाँ नटराज की प्रतिमा को भूलकर भी नहीं रखना चाहिए।
उदाहरण के लिए, अपने शयन कक्ष (बेडरूम) में नटराज की प्रतिमा कभी न रखें। शयन कक्ष विश्राम और शांति का स्थान होता है, जबकि नटराज का रूप अत्यंत गतिशील और ऊर्जावान है। यह गति और ऊर्जा बेडरूम की शांति को भंग कर सकती है और नींद संबंधी या रिश्तों संबंधी समस्याएँ पैदा कर सकती हैं। इसी तरह, घर की सीढ़ियों के नीचे या उसके सामने भी इस प्रतिमा को नहीं रखना चाहिए। वास्तु में सीढ़ियों के नीचे की जगह को आमतौर पर नकारात्मक ऊर्जा वाला माना जाता है, और प्रतिमा को ऐसी जगह रखने से उसका शुभ प्रभाव कम हो जाता है। साथ ही, नटराज की मूर्ति को शौचालय या बाथरूम के सामने, या उसके आस-पास कहीं भी न रखें। यह पवित्रता के प्रति अनादर का प्रतीक है और घर में नकारात्मक ऊर्जा ला सकता है।
तो फिर नटराज की प्रतिमा कहाँ रखनी चाहिए? वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, नटराज की प्रतिमा को घर के बैठक कक्ष लिविंग रूम में रखना सबसे शुभ होता है। यह घर के उस हिस्से में स्थित होता है जहाँ अक्सर गतिविधियाँ और ऊर्जा का संचार होता है। इसके लिए सबसे अच्छी दिशा उत्तर, ईशान कोण (पूर्वोत्तर) या पूर्व दिशा मानी जाती है। ये दिशाएँ आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए अनुकूल होती हैं और प्रतिमा की शक्ति को सही तरीके से प्रवाहित होने देती हैं।
इसके अलावा, प्रतिमा को हमेशा साफ-सुथरा रखें। भगवान शिव के किसी भी रूप को रखने से घर में एक सकारात्मक और आध्यात्मिक माहौल बनता है, बशर्ते उसे सही वास्तु नियमों के अनुसार रखा गया हो। नटराज की प्रतिमा केवल एक सजावटी वस्तु नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली ऊर्जा स्रोत है। अतः, इसे सम्मानपूर्वक और सही स्थान पर रखकर आप अपने घर में सुख-शांति, संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित कर सकते हैं।
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