राजस्थान में सुधर रहे हालात SC/ST वर्ग के खिलाफ अपराधों में आई 28% की भारी गिरावट

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News India Live, Digital Desk: अक्सर जब हम अखबार खोलते हैं या टीवी लगाते हैं, तो क्राइम की खबरें हमारा मूड खराब कर देती हैं। राजस्थान को लेकर भी पिछले कुछ समय में ऐसी धारणा बन गई थी कि यहाँ दलितों और कमजोर वर्गों (SC/ST) पर अत्याचार की घटनाएं बहुत होती हैं। विरोधी पक्ष हो या सामाजिक कार्यकर्ता, सब इस मुद्दे पर सवाल उठाते रहे हैं।

लेकिन दोस्तों, आज एक बहुत ही सकारात्मक और राहत भरी खबर सामने आई है। राजस्थान में पिछले दो सालों के अंदर कानून-व्यवस्था की तस्वीर बदलती दिख रही है। ताजा आंकड़े बताते हैं कि SC और ST वर्ग के खिलाफ होने वाले अपराधों में 28 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई है।

आखिर यह चमत्कार हुआ कैसे?
अब आप सोचेंगे कि अचानक अपराध कम कैसे हो गए? क्या अपराधी सुधर गए?
जी नहीं, अपराधी इतनी आसानी से नहीं सुधरते। जानकारों का मानना है कि इसके पीछे पुलिस की सख्ती (Strict Police Action) और प्रशासन की 'जीरो टॉलरेंस' नीति है।

  1. तुरंत कार्रवाई (Immediate Action): पहले शिकायत दर्ज कराने में ही पीड़ितों को पसीने आ जाते थे। लेकिन अब थानों में सुनवाई थोड़ी तेज हुई है। एफआईआर दर्ज होने के बाद अपराधियों की गिरफ्तारी में पुलिस ने तेजी दिखाई है।
  2. चालान पेश करने में तेजी: सिर्फ पकड़ना काफी नहीं होता, सजा दिलाना जरूरी है। पुलिस ने पेंडिंग मामलों को निपटाते हुए कोर्ट में चालान पेश करने की रफ्तार बढ़ाई है, जिससे अपराधियों में थोड़ा डर बैठा है।

सामाजिक बदलाव का संकेत
28% की गिरावट कोई छोटा आंकड़ा नहीं है। इसका सीधा मतलब है कि लगभग एक-चौथाई अपराध कम हो गए हैं। यह बताता है कि समाज में भी थोड़ी जागरूकता आ रही है और कानून का इकबाल बुलंद हो रहा है। जब किसी भी राज्य में कमजोर वर्ग खुद को सुरक्षित महसूस करता है, तभी वह राज्य सही मायने में तरक्की कर सकता है।

हालांकि, हमें यह भी याद रखना होगा कि अभी भी सफर लंबा है। गिरावट जरूर आई है, लेकिन इसे शून्य (Zero) तक ले जाना ही असली लक्ष्य होना चाहिए। उम्मीद है कि पुलिस और प्रशासन इसी रफ्तार से काम करते रहेंगे ताकि राजस्थान की 'शांति और अपनापन' वाली छवि पूरी दुनिया में बनी रहे।

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