Sharadiya Navratri 2025 : माँ शैलपुत्री की आरती, भोग और ये सफ़ेद रहस्य - पहले दिन ही पा लें पूरा आशीर्वाद
News India Live, Digital Desk: Sharadiya Navratri 2025 : शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व जल्द ही शुरू होने वाला है और पूरा देश भक्तिमय रंग में रंगने को तैयार है. ये नौ दिन माँ दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की आराधना के लिए समर्पित हैं. नवरात्रि के पहले दिन माँ शैलपुत्री की पूजा की जाती है. इन्हें पर्वतराज हिमालय की पुत्री कहा जाता है और इन्हीं से नौ दिवसीय इस शुभ पर्व का आरम्भ होता है. अगर आप चाहते हैं कि इस नवरात्रि पर माँ शैलपुत्री की विशेष कृपा आप पर बनी रहे, तो उनकी पूजा से जुड़े कुछ ख़ास नियमों और बातों का जानना बेहद ज़रूरी है.
आइए जानते हैं, माँ शैलपुत्री की पूजा विधि, उन्हें क्या भोग लगाएं और कौन से रंग के वस्त्र पहनना शुभ होगा, ताकि आपको उनकी पूरी कृपा मिल सके.
नवरात्रि के पहले दिन की देवी: माँ शैलपुत्री
माँ शैलपुत्री हिमालय पर्वत की बेटी होने के कारण ही 'शैलपुत्री' कहलाईं. वे प्रकृति, शक्ति और शांति का प्रतीक हैं. इनकी पूजा से व्यक्ति को स्थिरता और शक्ति मिलती है.
- रूप: माँ शैलपुत्री का स्वरूप अत्यंत मनमोहक और शांत है. वे एक वृषभ (बैल) पर सवार रहती हैं. उनके एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमल का पुष्प सुशोभित रहता है. वे सती के रूप में भगवान शिव की अर्धांगिनी हैं.
पहले दिन की पूजा विधि और शुभ कार्य:
नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना के साथ होती है, जिसे घट स्थापना भी कहते हैं. कलश स्थापना करने के बाद, माँ शैलपुत्री की पूजा शुरू की जाती है.
- ध्यान और मंत्र: सबसे पहले माँ का ध्यान करें. उनका आह्वान करें और उनके प्रिय मंत्र "ॐ देवी शैलपुत्र्यै नम:।" का जाप करें. यह मंत्र शुद्धता और ध्यान को बढ़ाता है.
- वस्त्र का रंग: पहले दिन माँ शैलपुत्री को प्रसन्न करने के लिए सफेद रंग के वस्त्र पहनना बहुत शुभ माना जाता है. सफेद रंग शुद्धता, शांति और नवीनता का प्रतीक है.
- भोग: माँ शैलपुत्री को शुद्ध देसी घी का भोग लगाना सबसे उत्तम माना जाता है. आप माँ को गाय के घी से बने व्यंजन जैसे हलवा, पूड़ी, या खीर भी चढ़ा सकते हैं. इससे आरोग्य का वरदान मिलता है और जीवन में हर क्षेत्र में सफलता मिलती है.
- आरती: पूजा के अंत में माँ शैलपुत्री की श्रद्धा भाव से आरती ज़रूर करें. आरती करने से मन शांत होता है और माँ की असीम कृपा प्राप्त होती है. आरती करने के बाद, भूल चूक के लिए माँ से क्षमा याचना करें और अपनी मनोकामनाएँ कहें.
क्या मिलता है माँ शैलपुत्री के आशीर्वाद से?
माँ शैलपुत्री की पूजा से जीवन में स्थिरता आती है. वे धैर्य और संतुलन प्रदान करती हैं. कहा जाता है कि जो भक्त पूरे मन से माँ शैलपुत्री की आराधना करते हैं, उन्हें अच्छी सेहत, सुख-समृद्धि और हर कार्य में सफलता मिलती है. वे हर तरह के संकटों को दूर करती हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण करती हैं. यह पूजा मन को शुद्ध करती है और जीवन में सकारात्मकता लाती है.
तो इस शारदीय नवरात्रि 2025 के पहले दिन, पूरी श्रद्धा के साथ माँ शैलपुत्री की पूजा करें और उनके आशीर्वाद से अपना जीवन धन्य करें.
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