Shani Dev Fav Stone : शनि की साढ़े साती हो या ढैया, यह एक रत्न हर मुसीबत को कर सकता है दूर
News India Live, Digital Desk : Shani Dev Fav Stone : ज्योतिष शास्त्र एक विज्ञान है जो मानता है कि हमारे जीवन की गाडी को ग्रह और नक्षत्र ही चलाते हैं। हर राशि का एक स्वामी होता है और कुंभ राशि (Aquarius) की बागडोर न्याय के देवता शनि देव (Shani Dev) के हाथों में होती है।
हम सभी जानते हैं कि शनि देव जब देने पर आते हैं, तो रंक को राजा बना देते हैं। लेकिन, अगर आप कुंभ राशि के हैं और आपको लग रहा है कि मेहनत के बावजूद फल नहीं मिल रहा, या जीवन में बार-बार रुकावटें आ रही हैं, तो हो सकता है कि आपके ग्रह थोड़े कमजोर हों।
रत्न शास्त्र (Gemology) में इसका भी इलाज है। आइए बात करते हैं उस 'लकी स्टोन' के बारे में जो कुंभ राशि वालों के जीवन में चमत्कार कर सकता है।
कुंभ राशि वालों के लिए कौन सा रत्न है 'वरदान'?
चूंकि आपके राशि स्वामी शनि देव हैं, इसलिए आपके लिए सबसे शक्तिशाली रत्न नीलम (Blue Sapphire) माना जाता है।
जी हाँ, वही नीलम जिसके किस्से हम सबने सुने हैं कि कैसे ये 24 घंटे में इंसान की तकदीर बदल सकता है। यह रत्न पहनने से व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है, धन आता है और समाज में मान-सम्मान बढ़ता है।
लेकिन रुकिए..यहाँ एक छोटा सा पेंच है!
अगर नीलम सूट न करे या बजट में न हो?
हम सब जानते हैं कि असली नीलम (Ceylon Blue Sapphire) बहुत महंगा आता है और इसे पहनने से पहले 'टेस्ट' करना पड़ता है क्योंकि यह बहुत तीव्र रत्न है। ऐसे में, रत्न शास्त्र एक बहुत ही बेहतरीन विकल्प (Substitute) देता है।
अगर आप नीलम नहीं पहन सकते, तो आप 'जमुनिया' (Amethyst) या 'नीली' (Iolite) पहन सकते हैं।
ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि 'जमुनिया' कुंभ राशि वालों के लिए किसी जादू से कम नहीं है। यह न केवल सस्ता होता है, बल्कि यह मानसिक शांति देता है। अगर किसी को बहुत ज्यादा गुस्सा आता है या तनाव रहता है, तो जमुनिया धारण करने से बहुत राहत मिलती है। यह आर्थिक तंगी दूर करने में भी मददगार साबित होता है।
रत्न पहनने का सही तरीका (Method of Wearing)
सिर्फ रत्न खरीद लेने से काम नहीं चलता, उसे सही विधि से पहनना भी जरूरी है।
- दिन: चूंकि यह शनि का रत्न है, इसलिए इसे शनिवार (Saturday) के दिन पहनना चाहिए।
- अंगूठी: इसे चाँदी (Silver) या पंचधातु की अंगूठी में जड़वाकर पहनना सबसे अच्छा माना जाता है।
- उंगली: इसे हाथ की मध्यमा उंगली (Middle Finger) में पहनना चाहिए, क्योंकि यह शनि की उंगली मानी जाती है।
- शुद्धि: पहनने से पहले अंगूठी को गंगाजल और कच्चे दूध से धोकर शनि मंत्र (ॐ शं शनैश्चराय नमः) का जाप करें।
सावधानी जरूरी है
दोस्तों, रत्न बहुत शक्तिशाली होते हैं। इसलिए, चाहे नीलम हो या जमुनिया, इसे धारण करने से पहले एक बार अपनी कुंडली किसी अच्छे ज्योतिषी को जरूर दिखा लें। बिना सलाह के पहना गया रत्न कभी-कभी नुकसान भी पहुंचा सकता है। अगर यह आपको सूट कर गया, तो समझिए आपकी नैया पार है!
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