शर्मनाक! पहले इंदौर में ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेटरों से छेड़छाड़, फिर मंत्री जी के बेतुके बोल ने दिया दूसरा ज़ख्म
Indore molestation case : मध्य प्रदेश के इंदौर शहर से एक ऐसी खबर आई है, जिसने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है। यहां महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप खेलने आईं ऑस्ट्रेलिया टीम की दो खिलाड़ियों के साथ सरेआम छेड़छाड़ की गई। लेकिन हद तो तब हो गई, जब इस गंभीर मामले पर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने आरोपियों को कोसने की बजाय, उल्टे पीड़ित खिलाड़ियों को ही नसीहत दे डाली। उनके इस अजीबोगरीब बयान के बाद एक नया विवाद खड़ा हो गया है।
मंत्री जी ने पीड़ितों को ही दे डाला 'सबक'
जब पत्रकारों ने कैलाश विजयवर्गीय से इस शर्मनाक घटना पर सवाल पूछा, तो उन्होंने कहा कि क्रिकेट खिलाड़ी भारत में बहुत लोकप्रिय हैं, इसलिए उन्हें बाहर निकलते समय ज्यादा सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने कहा, "खिलाड़ियों को यह ध्यान रखना चाहिए कि जब वे बाहर निकलें, तो उनके सुरक्षाकर्मियों और स्थानीय प्रशासन को सूचित किया जाना चाहिए।"
इतना ही नहीं, उन्होंने पीड़ित महिला खिलाड़ियों को सलाह देते हुए यहां तक कह दिया कि उन्हें इस घटना से "सबक लेना चाहिए।" मतलब, गलती उस अपराधी की नहीं, जिसने मेहमान खिलाड़ियों से बदसलूकी की, बल्कि उन खिलाड़ियों की है जो बिना बताए बाहर निकल गईं।
क्या है पूरा मामला?
हुआ यूं कि गुरुवार की सुबह, वर्ल्ड कप में हिस्सा ले रहीं ऑस्ट्रेलिया की दो महिला क्रिकेटर अपने होटल से निकलकर पास के एक कैफे की ओर जा रही थीं। तभी एक बाइक सवार युवक (आरोपी अकील खान) उनका पीछा करने लगा। खजराना रोड इलाके में उसने मौका देखकर खिलाड़ियों में से एक को गलत तरीके से छुआ और मौके से फरार हो गया।
लेकिन दोनों खिलाड़ियों ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने तुरंत अपनी टीम के सुरक्षा अधिकारी से संपर्क किया और अपनी लाइव लोकेशन शेयर कर दी।
पुलिस की फुर्ती और आरोपी गिरफ्तार
शेयर की गई लोकेशन के आधार पर पुलिस की टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई। एक राहगीर की समझदारी काम आई, जिसने आरोपी की बाइक का नंबर नोट कर लिया था। इसी नंबर के आधार पर पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी अकील खान को गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता चला है कि आरोपी पर पहले से भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पीछा करने और महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने जैसी गंभीर धाराओं में FIR दर्ज की है। मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (MPCA) ने भी इस घटना पर गहरा दुख और गुस्सा जाहिर किया है।
यह घटना एक ओर जहां पुलिस की तत्परता को दर्शाती है, वहीं दूसरी ओर एक जिम्मेदार पद पर बैठे नेता के बेतुके और असंवेदनशील बयान पर गंभीर सवाल भी खड़े करती है।
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