Sawan Purnima 2025: 9 अगस्त को मनाएं यह खास पर्व, धन समृद्धि के लिए करें ये सरल उपाय
- by Archana
- 2025-08-04 13:02:00
News India Live, Digital Desk: सावन का पवित्र महीना, जो भगवान शिव को समर्पित है, 2025 में 9 अगस्त, शनिवार को पूर्णिमा तिथि के साथ समाप्त हो रहा है। सावन पूर्णिमा, जिसे श्रावण पूर्णिमा भी कहा जाता है, एक अत्यंत शुभ और फलदायी दिन माना जाता है, खासकर धन, समृद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए। इस दिन किए गए विशेष उपाय और दान का कई गुना फल प्राप्त होता है।
सावन पूर्णिमा 2025: तिथि और मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, सावन पूर्णिमा की तिथि 8 अगस्त 2025 को दोपहर 02:12 बजे से शुरू होगी और 9 अगस्त 2025 को दोपहर 01:24 बजे तक मान्य रहेगी। उदय तिथि के अनुसार, स्नान-दान और पूजा के लिए 9 अगस्त 2025 को सावन पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस दिन रवि योग का निर्माण हो रहा है, जो पूजा-पाठ के लिए अत्यंत शुभ है। चंद्रोदय का समय लगभग शाम 6:45 बजे रहेगा।
धन-समृद्धि के लिए उपाय:
सावन पूर्णिमा को भगवान शिव और देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए कुछ विशेष उपाय करना लाभदायक होता है:
अन्न, वस्त्र और धन का दान: इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न (चावल, गेहूं, दाल), वस्त्र और धन का दान अवश्य करें। मान्यता है कि इससे भगवान शिव की कृपा बनी रहती है और घर में सुख-शांति आती है।
गुड़ का दान: सावन पूर्णिमा के दिन गुड़ का दान करने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और जीवन खुशहाल रहता है।
तिल का दान: तिल का दान पितृ दोष से मुक्ति दिलाने और आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सहायक माना जाता है।
दीप दान: किसी शिव मंदिर में दीपक जलाना कर्ज से मुक्ति और मानसिक शांति प्रदान करता है।
चावल और दूध का दान करने से चंद्र दोष दूर होता है, धन-संपत्ति में वृद्धि होती है और घर में मां लक्ष्मी का वास होता है।
मिठाई (खीर) का दान: शिव मंदिर में या जरूरतमंदों को खीर जैसी दूध से बनी मिठाइयों का दान करने से घर में खुशहाली आती है और धन-धान्य बढ़ता है।
फलों का दान: फलों का दान रोग-दोष को दूर कर स्वास्थ्य में सुधार लाता है।
रुद्राभिषेक: सावन पूर्णिमा पर शिव लिंग पर दूध, दही, शहद, शक्कर और गंगाजल से रुद्राभिषेक करना अत्यंत शुभ माना जाता है, इससे भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
पूजा विधि:
इस दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करें (यदि संभव हो) या घर पर ही स्नान करें। इसके बाद भगवान शिव और देवी लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करें। शिव जी को बेलपत्र, धतूरा, सफेद फूल, दूध, दही, शहद, शक्कर आदि अर्पित करें। माता लक्ष्मी को लाल फूल, कमल गट्टा, खीर, कमल का फूल, और लाल चुनरी चढ़ाएं। 'ॐ नमः शिवाय', 'ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः' मंत्रों का जाप करें। चंद्रमा को शाम को जल अवश्य अर्पित करें।
इन उपायों और दान-पुण्य के कार्यों से सावन पूर्णिमा के दिन भगवान शिव और धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न किया जा सकता है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।
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