S. Srinivasan Arrest: तमिल सिनेमा का पावरस्टार गिरफ्तार, 7 साल से करोड़ों की ठगी कर रहा था ये मशहूर एक्टर
News India Live, Digital Desk: S. Srinivasan Arrest: बॉलीवुड हो या साउथ, फिल्म इंडस्ट्री में चमकने वाले कुछ चेहरे पर्दे पर तो हीरो होते हैं, लेकिन असल ज़िंदगी में उनके काले कारनामे किसी विलेन से कम नहीं होते। ऐसी ही एक सनसनीखेज खबर ने पूरे देश को चौंका दिया है। तमिल सिनेमा के एक जाने-माने अभिनेता, जिन्हें लोग कभी उनके कॉमेडी किरदारों और सटायर के लिए 'पावरस्टार' कहते थे, उन्हें दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने सात साल की लंबी फरारी के बाद आखिरकार चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी किसी बड़े रहस्योद्घाटन से कम नहीं है, क्योंकि यह एक्टर करोड़ों रुपये की ठगी का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। उनकी गिरफ्तारी के बाद यह भी खुलासा हुआ है कि उनके खिलाफ पहले से ही ऐसे ही छह और मामले चेन्नई में दर्ज हैं। यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि अपराध की दुनिया में किसी का कोई नाम नहीं होता, चाहे वह कितना ही प्रसिद्ध क्यों न हो।
पुलिस के अनुसार, जिस एक्टर को गिरफ्तार किया गया है, उनका नाम एस. श्रीनिवासन है, जो तमिल फिल्म उद्योग में 'पावरस्टार' के नाम से अपनी पहचान बना चुके थे। श्रीनिवासन पर आरोप है कि उन्होंने 'बाबा ट्रेडिंग कंपनी' के मालिक बनकर एक बड़ी कंपनी से पाँच करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की। आरोप के मुताबिक, श्रीनिवासन ने एक हजार करोड़ रुपये का बड़ा लोन दिलाने का वादा किया था। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया था कि यदि लोन नहीं मिला, तो तीस दिनों के भीतर पूरी रकम वापस कर दी जाएगी। हालाँकि, न तो लोन का इंतजाम हुआ और न ही वादे के मुताबिक रकम लौटाई गई। जाँच में पता चला है कि इस पूरे धोखाधड़ी का असली मास्टरमाइंड श्रीनिवासन ही था। 2010 में 'मेसर्स ब्लू कोस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट लिमिटेड' नामक कंपनी के कुछ सलाहकारों ने यह दावा करते हुए कंपनी से संपर्क किया कि वे 1000 करोड़ रुपये का लोन दिलवा सकते हैं। उन्हीं सलाहकारों ने कंपनी के अधिकारियों को श्रीनिवासन से मिलवाया।
मामले की पूरी कहानी 2010 से शुरू होती है, जब श्रीनिवासन ने स्टैंप ड्यूटी और अन्य कानूनी प्रक्रियाओं के नाम पर शिकायतकर्ता कंपनी से 5 करोड़ रुपये ठग लिए। इन 5 करोड़ रुपयों को पहले 'बाबा ट्रेडिंग कंपनी' के खाते में स्थानांतरित किया गया, और फिर वहां से बड़ी चतुराई से श्रीनिवासन और उनकी पत्नी के व्यक्तिगत बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया गया। बताया जाता है कि इनमें से 50 लाख रुपये नकद निकाल लिए गए, जबकि बाकी की रकम को फिक्स्ड डिपॉजिट में बदल दिया गया। जब पीड़ित कंपनी ने उनसे वैध दस्तावेज और लोन के संबंध में जानकारी मांगी, तो श्रीनिवासन कोई भी संतोषजनक जवाब या सबूत पेश नहीं कर सके।
यह पहला मौका नहीं है जब एस. श्रीनिवासन कानून के शिकंजे में आए हैं। 2013 में उन्हें एक बार अंतरिम जमानत मिली थी, उस समय उन्होंने 10 करोड़ रुपये लौटाने का वादा किया था, लेकिन उन्होंने केवल साढ़े तीन लाख रुपये ही लौटाए और उसके बाद फिर फरार हो गए। 2016 में उन्हें पहली बार 'उद्घोषित अपराधी' घोषित किया गया। इसके बाद 2017 में उन्हें दोबारा गिरफ्तार किया गया, लेकिन फिर से जमानत मिलने के बाद वे 2018 में तीसरी बार गायब हो गए। यह गिरफ्तारी उनके खिलाफ चल रहे एक लंबे मुकदमे का ही नतीजा है, और दिल्ली पुलिस के अनुसार, चेन्नई में उनके खिलाफ ठीक इसी तरीके से धोखाधड़ी के कम से कम छह और मामले भी दर्ज हैं। इससे यह बात और पुख्ता होती है कि यह कोई इकलौती वारदात नहीं, बल्कि उनका एक सुनियोजित आपराधिक तरीका था।
एस. श्रीनिवासन तमिल फिल्म इंडस्ट्री के एक पहचान वाला चेहरा रहे हैं। उन्होंने दस से भी अधिक फिल्मों में काम किया है और खासकर अपनी कॉमिक और सटायर भूमिकाओं के लिए जाने जाते थे। दर्शकों ने उन्हें हंसाया था और उनका अभिनय पसंद भी किया था। लेकिन पर्दे पर हंसमुख और मनोरंजक दिखने वाले इस अभिनेता की असल जिंदगी अपराध और धोखाधड़ी से भरी निकली। यह घटना फिल्म और मनोरंजन जगत में चमक-धमक के पीछे छिपी काली सच्चाइयों को भी उजागर करती है, जहां कुछ लोग धन और प्रसिद्धि के लालच में आपराधिक रास्ते अपना लेते हैं। इस गिरफ्तारी के बाद माना जा रहा है कि श्रीनिवासन से गहन पूछताछ में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं और उनके खिलाफ दर्ज अन्य मामलों में भी तेजी आ सकती है। इस गिरफ्तारी ने उन सभी लोगों को राहत दी है जो उनकी धोखाधड़ी का शिकार हुए थे, और न्याय मिलने की उम्मीद जगाई है।
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