Relationship Advice : रिश्तों में घुट-घुट कर जीना छोड़ें, इन 4 तरीकों से खींचें अपनी लक्ष्मण रेखा
News India Live, Digital Desk: क्या आप भी अक्सर लोगों को खुश करने के चक्कर में अपनी ही खुशी भूल जाते हैं? क्या किसी को 'ना' बोलना आपको दुनिया का सबसे मुश्किल काम लगता है? अगर आपका जवाब 'हां' है, तो यकीन मानिए आप अकेले नहीं हैं. हममें से ज़्यादातर लोग दूसरों को नाराज़ करने के डर से अपनी भावनाओं और ज़रूरतों को दबा देते हैं. लेकिन इसका नतीजा यह होता है कि हम अंदर ही अंदर घुटते रहते हैं.
इसी घुटन से बचने का एक ही रास्ता है - रिश्तों में 'हेल्दी बाउंड्रीज़' यानी स्वस्थ सीमाएं तय करना. इसका मतलब स्वार्थी होना या लोगों से दूर भागना बिल्कुल नहीं है. इसका सीधा सा मतलब है, खुद की इज़्ज़त करना और अपनी मानसिक शांति को पहली प्राथमिकता देना.
तो सवाल यह है कि ये सीमाएं कैसे तय करें कि सामने वाले को बुरा भी न लगे और हमारी बात भी रह जाए? आइए जानते हैं कुछ आसान तरीके.
1. पहले खुद को समझिए
कोई भी सीमा तय करने से पहले, आपको खुद यह जानना होगा कि आपकी सीमाएं हैं क्या. शांति से बैठें और सोचें कि कौन सी चीज़ें आपको परेशान करती हैं या आपका फायदा उठाती हैं. क्या आपको लोगों का बेवक्त फोन करना पसंद नहीं? या कोई दोस्त बार-बार आपसे पैसे उधार लेता है और वापस नहीं करता? जब तक आप अपनी इन परेशानियों को पहचानेंगे नहीं, तब तक आप दूसरों को रोक भी नहीं पाएंगे.
2. इल्ज़ाम नहीं, अपनी भावनाएं बताएं
सीमा तय करते समय गुस्से या इल्ज़ाम लगाने वाले लहजे से बचें. इसकी जगह अपनी भावनाओं को विनम्रता से व्यक्त करें. उदाहरण के लिए, यह कहने के बजाय कि "तुम हमेशा मेरा मज़ाक उड़ाते हो", आप यह कह सकते हैं कि "जब इस तरह का मज़ाक होता है, तो मुझे थोड़ा दुख होता है." इस तरह बात करने से सामने वाला आपकी बात को समझेगा और उसे बुरा भी नहीं लगेगा.
3. विनम्रता से 'ना' कहना सीखें
'ना' कहना एक कला है. आपको हर किसी को खुश रखने की ज़रूरत नहीं है. अगर आपका कोई काम करने का मन नहीं है या आप थक गए हैं, तो साफ़-साफ़ लेकिन प्यार से मना कर दें. आपको हर बार लंबे-चौड़े बहाने बनाने की ज़रूरत नहीं है. याद रखिए, जो लोग सच में आपकी परवाह करते हैं, वे आपकी 'ना' का भी सम्मान करेंगे.
4. अपनी कही बात पर टिके रहें
एक बार जब आप कोई सीमा तय कर लेते हैं, तो उस पर टिके रहना बहुत ज़रूरी है. अगर आप कभी 'हां' और कभी 'ना' करेंगे, तो लोग आपको गंभीरता से नहीं लेंगे. हो सकता है कि शुरुआत में लोगों को यह थोड़ा अजीब लगे, लेकिन धीरे-धीरे उन्हें इसकी आदत हो जाएगी और वे आपकी सीमाओं का सम्मान करना सीख जाएंगे.
रिश्तों में सीमाएं बनाना एक हेल्दी और खुशहाल जीवन की ओर पहला कदम है. जब आप खुद का सम्मान करते हैं, तभी दुनिया भी आपका सम्मान करती है.
--Advertisement--